September 14, 2025
Uttar Pradesh

अब तक के सभी कुंभ पर्वों के सापेक्ष कहीं अधिक दिव्य और भव्य होगा महाकुंभ : मुख्यमंत्री योगी

Mahakumbh will be more divine and grand compared to all the Kumbh festivals till now: Chief Minister Yogi

महाकुंभ नगर, 10 जनवरी । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि महाकुंभ 2025 अब तक के सभी कुंभ पर्वों से अधिक दिव्य और भव्य होगा। इस महाकुंभ में आस्था और आधुनिकता का समागम होगा और यह समागम प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में कैसे खुशहाली ला सकता है, इसका उदाहरण भी बनेगा। लाखों लोग इस महासमागम और व्यवस्था के साथ जुड़े हुए हैं। ये प्रयागराज के साथ-साथ पूरे देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करेगा। अकेले प्रयागराज कुंभ से अर्थव्यवस्था में 2 लाख करोड़ रुपये का ग्रोथ होने का अनुमान है।

पत्रकारों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ सांस्कृतिक एकता का ऐसा महायज्ञ है, जो पूर्व से पश्चिम तथा उत्तर से दक्षिण न केवल भारतवर्ष को अपितु संपूर्ण विश्व को एक नीड़ (घोंसले) में लाकर स्थापित कर देता है। यजुर्वेद का संदर्भ देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यजुर्वेद में कहा गया है “यत्रविश्वं भवत्येक नीडम्” अर्थात जहां संपूर्ण विश्व एक घोंसले में आ जाता है। महाकुंभ उसी परिकल्पना का उत्कृष्ट उदाहरण है।

गुरुवार को महाकुंभ नगर में डिजिटल मीडिया सेंटर का लोकार्पण करने के बाद पत्रकारों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले की सरकारों ने आस्था का सम्मान नहीं किया। हमने आस्था का सम्मान किया और आस्था कैसे अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाती है, प्रयागराज इसका उदाहरण बनने जा रहा है। उन्होंने देश भर के पत्रकारों से अपील की कि हमने इस महाआयोजन को एक सुरक्षित, सुव्यवस्थित और आधुनिक महासमागम के रूप में प्रस्तुत करने की जो योजना बनाई गई है, उसे अपनी रिपोर्टिंग के माध्यम से पूरी दुनिया में प्रसारित करना होगा, ताकि न केवल प्रयागराज बल्कि उत्तर प्रदेश को दुनिया के बेहतरीन डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित किया जा सके। यह मान्यता प्रयागराज को पहले ही मिल जानी चाहिए थी, लेकिन आपकी रिपोर्टिंग आज प्रयागराज को उसका हक दिलाने में मददगार होगी।

पत्रकारों से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पत्रकार बंधुओं की आवश्यकता और अपेक्षाओं का ध्यान रखते हुए सूचना विभाग द्वारा यह सर्वसुविधायुक्त मीडिया सेंटर तैयार किया गया है। खबरें फाइल करनी हों या इंटरव्यू और पॉडकास्ट, एडिटिंग हो या संदर्भ ग्रंथों की आवश्यकता, आप सभी की हर जरूरत को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। 2019 कुंभ को आपने आस्था के अद्भुत संगम के रूप में देश और दुनिया के सामने प्रस्तुत किया था। परिणाम था कि यूनेस्को ने प्रयागराज कुंभ को मानवता की अमूर्त विरासत की मान्यता प्रदान की। इस बार भी विश्व मानवता के कल्याण का मार्ग यहां से प्रशस्त हो, इसके लिए यह मीडिया सेंटर आपको समर्पित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि 12 वर्ष के बाद महाकुंभ का आयोजन हो रहा है और उसमें भी 144 वर्ष का वह शुभ मुहूर्त आया, जो सचमुच आज की पीढ़ी के लिए सौभाग्य की बात है। यह उनके लिए भी गौरव का क्षण है, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस आयोजन से जुड़े हैं। ये हमारा सौभाग्य है कि सनातन गर्व के प्रतीक महाकुंभ पर्व का आयोजन करने का डबल इंजन सरकार को अवसर प्राप्त हो रहा है।

उन्होंने कहा कि 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने 5,500 करोड़ की स्थायी परियोजनाओं का लोकार्पण किया। यह स्थायी विकास के कार्य हैं, जो प्रयागराज को नई पहचान देने वाले हैं। पांच कॉरिडोर, प्रयागराज के छत्र कहे जाने वाले अक्षयवट का भव्य कॉरिडोर, भारद्वाज आश्रम कॉरिडोर, हनुमान मंदिर कॉरिडोर, प्रभु श्री राम और उनके सखा निषादराज की मिलन स्थली श्रृंगवेरपुर कॉरिडोर और सरस्वती कूप कॉरिडोर का प्रधानमंत्री मोदी ने लोकार्पित किया है। ब्रह्मा जी का यज्ञस्थल दशाश्वमेध घाट व मंदिर, नागवासुकि मंदिर या द्वादशमाधव के मंदिरों का जीर्णोद्धार, प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं के अनुभव को अविस्मरणीय बना देगा।

उन्होंने कहा कि श्रद्धालु वर्षों से पक्के घाट की प्रतीक्षा कर रहे थे, इस बार 12 किलोमीटर पक्के घाट बनाकर इस चिरप्रतीक्षित कार्य को पूरा कर दिया गया है। प्रयागराज के अंदर 2019 के कुंभ के दौरान भी इंफ्रास्ट्रक्चर का कार्य हुआ था। इस बार उससे भी दोगुना कार्य किया गया है। महाकुंभ के बहाने प्रयागराज का कायाकल्प हो रहा है।

उन्होंने मेला प्राधिकरण की प्रशंसा करते हुए कहा कि कुंभ का आयोजन मां गंगा और यमुना के तट पर ही संपन्न होता है और आयोजन के लिए हम लोगों के पास दिसंबर तक का समय होता है। अत्यधिक वर्षा के कारण हमें सिर्फ ढाई माह का समय मिला और उस दौरान तटों व नदी को व्यवस्थित करना, वहां कैंप लगाने, अस्थायी आश्रम स्थापित करके सुविधाएं प्रदान करना सुनिश्चित किया गया। इस मास्टर प्लान और लेआउट प्लान को धरातल पर उतारने का कार्य इन ढाई महीने के अंदर मेला प्राधिकरण ने संपन्न कराया है।

सीएम योगी ने विपक्ष पर हमला भी बोला। उन्होंने कहा कि 2019 कुंभ के पहले कुछ लोग भारत की आस्था, उसके सम्मान की कोई कीमत नहीं समझते थे। उन लोगों ने कुंभ को गंदगी, अव्यवस्था और भगदड़ का पर्याय बनाया था। उनके लिए यह सबक होना चाहिए। कुंभ इस बार आस्था और आधुनिकता के महासमागम के साथ दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक आयोजन से जुड़ने जा रहा है। दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आबादी इस महाआयोजन की साक्षी बनेगी। यहां 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आएंगे। पीएम मोदी के मार्गदर्शन में 2019 का कुंभ स्वच्छता का प्रतिमान बना था।

उन्होंने कहा कि आज त्रिवेणी संगम को भी शुद्ध जल उपलब्ध हो रहा है। 2025 में और बेहतर व्यवस्था देखने को मिल रही है। 2019 में यहां पर कुल 1.15 हजार टॉयलेट बन पाए थे, इस बार ये 1.5 लाख से अधिक बन चुके हैं। ऐसे ही सेक्टर की संख्या बढ़ाई गई। प्रयास किया गया है कि संगम में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को कोई समस्या न हो। इसके लिए 550 शटल बसें और इलेक्ट्रिक बसें भी उपलब्ध कराई गई हैं। कुंभ स्वच्छ और सुरक्षित भी रहे इसकी भी पुख्ता व्यवस्था की गई है। 56 थाने बनाए गए हैं। हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। एंटी ड्रोन सिस्टम स्थापित हो चुका है। पर्याप्त मात्रा में सीसीटीवी कैमरों का कवरेज दिया गया है।

उन्होंने बताया कि मेला क्षेत्र में 13 अखाड़े स्थापित हो चुके हैं। दंडीबाड़ा, खाक चौक, आचार्य बाड़ा सभी व्यवस्थित रूप से संचालित हो रहे हैं। 25 से 30 लाख कल्पवासी भी अगले एक महीने तक प्रयागराज में रहेंगे। वे भी यहां एक-दो दिन में पर्याप्त मात्रा में प्रवेश कर जाएंगे। इस बार 6 प्रमुख स्नान में तीन परंपरागत रूप से शाही स्नान हैं, जिन्हें पूज्य संतों ने अमृत स्नान के रूप में मान्यता दी है। मौनी अमावस्या के दिन हमारा अनुमान है कि 8 से 10 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज आएंगे। बसंत पंचमी में भी हमारा अनुमान है कि 5-6 करोड़ श्रद्धालु स्नान करने आएंगे। मकर संक्रांति के अवसर पर भी भारी मात्रा में श्रद्धालु आने वाले हैं।

उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने 3 हजार से अधिक स्पेशल ट्रेनें दी हैं। यहां पर पहले से एयर कनेक्टिविटी के लिए 14 नई फ्लाइट्स जोड़ी गई हैं। 8 हजार से अधिक परिवहन की बसें श्रद्धालुओं को लाने के लिए लगाई गई हैं। 9 रेलवे स्टेशन हैं, जहां श्रद्धालुओं के लिए वेटिंग स्टेशन बनाए गए हैं, जिसमें एक लाख लोगों के रुकने की व्यवस्था रहेगी। मोबाइल टिकट भी हर स्टेशन पर उपलब्ध होंगे। डिजिटल डिस्प्ले के माध्यम से सभी परिवहन स्थलों पर गाड़ियों के आने जाने की सूचना मिलेगी।

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