October 25, 2025
National

महाराष्ट्र: डॉक्टर सुसाइड केस में भाजपा विधायक राम कदम ने कांग्रेस पर लगाया घटिया राजनीति करने का आरोप

Maharashtra: BJP MLA Ram Kadam accuses Congress of playing cheap politics in the doctor’s suicide case.

महाराष्ट्र में महिला डॉक्टर की आत्महत्या का मामला राजनीतिक रंग ले चुका है। भाजपा विधायक राम कदम ने कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस नेता संवेदनशील मुद्दों पर भी सस्ती राजनीति करने से बाज नहीं आते।

कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने कहा था, “महाराष्ट्र में जो कुछ हुआ, वह बेहद चिंताजनक है। जिस तरह डॉक्टर ने अपने सुसाइड नोट में पुलिस अधिकारी का नाम लिखा है, वह कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। जब रक्षक ही भक्षक बन जाएं, तो जनता किस पर भरोसा करे?”

वर्षा गायकवाड़ के बयान पर भाजपा विधायक राम कदम ने जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस नेताओं की आदत है कि वे ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर भी घटिया राजनीति करते हैं। यही वह कांग्रेस है जिसके शासन में उद्योगपतियों के घरों के बाहर जिलेटिन की छड़ें मिली थीं, यही कांग्रेस 100 करोड़ की वसूली के मामलों में लिप्त थी और लोगों पर अत्याचार हुए थे। वर्षा गायकवाड़ को यह सब नहीं भूलना चाहिए।”

राम कदम ने कहा, “मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में महाराष्ट्र पूरी तरह सुरक्षित है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। तकनीकी और विस्तृत जांच के बाद सभी तथ्य सामने आ जाएंगे।”

इधर, सतारा पुलिस ने डॉक्टर की आत्महत्या के मामले में प्रशांत बंकर को गिरफ्तार कर लिया है। उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा और रिमांड की मांग की जाएगी। वहीं, सब-इंस्पेक्टर गोपाल बडाने को निलंबित कर दिया गया है।

यह मामला सतारा जिले के फलटण इलाके का है, जहां सरकारी अस्पताल में पदस्थ महिला डॉक्टर का शव गुरुवार रात एक होटल के कमरे में फंदे से लटका मिला। मौके से मिली चार पन्नों के सुसाइड नोट में और यहां तक कि उसकी हथेली पर भी डॉक्टर ने पुलिस सब-इंस्पेक्टर गोपाल बडाने पर चार बार रेप करने और मकान मालिक के बेटे प्रशांत बंकर पर मानसिक प्रताड़ना देने का गंभीर आरोप लगाया।

डॉक्टर ने अपने सुसाइड नोट में यह भी लिखा कि एक सांसद और उसके दो निजी सहायकों ने उस पर कई मामलों में आरोपी व्यक्तियों के लिए फर्जी फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने का दबाव डाला। डॉक्टर ने यह सब झेलते हुए 21 बार अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन किसी ने उसकी बात नहीं सुनी।

सुसाइड नोट में उसने एक घटना का जिक्र करते हुए लिखा कि जब उसने फर्जी सर्टिफिकेट देने से मना किया तो दो सहायकों ने उसे सांसद से फोन पर बात करने को कहा और उस बातचीत के दौरान सांसद ने उसे परोक्ष रूप से धमकी दी। सतारा एसपी तुषार दोशी ने कहा है कि घटना की हर दिशा से जांच की जा रही है और डॉक्टर पर पड़े राजनीतिक दबाव की भी जांच हो रही है।

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