हाशिवरात्रि के अवसर पर देशभर में शिव भक्तों का उमड़ा सैलाब, विभिन्न शहरों और गांवों के शिव मंदिरों में श्रद्धालु अपनी श्रद्धा और भक्ति अर्पित करने पहुंचे। उत्तर प्रदेश के बस्ती , देवरिया, मध्य प्रदेश के बुरहानपुर, बिहार के वैशाली, छत्तीसगढ़ के जशपुर, हरियाणा के रोहतक और पूर्वी दिल्ली के विभिन्न मंदिरों में भारी संख्या में लोग सुबह-सुबह भगवान शिव की आराधना करने पहुंचे।
बस्ती में महाशिवरात्रि के अवसर पर भदेश्वर नाथ मंदिर सहित अन्य शिव मंदिरों में भारी संख्या में श्रद्धालु उमड़े। श्रद्धालु देर रात से ही मंदिर पहुंचे और जलाभिषेक करने लगे। भदेश्वर नाथ मंदिर में जलाभिषेक के दौरान श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था। इसके अलावा, जिले के अन्य मंदिरों में भी भक्तों की तादाद बढ़ी, जो शिव भगवान की पूजा अर्चना करने पहुंचे। मंदिरों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
देवरिया के शिव मंदिरों में भी सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। भोर से ही श्रद्धालु जल, पान, धतूरा, बेलपत्र और अन्य पूजा सामग्री लेकर मंदिरों में पहुंच रहे हैं और अपनी बारी के इंतजार में कतारों में खड़े हैं। धीरे-धीरे सभी भक्त मंदिर के मुख्य द्वार तक पहुंचकर बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक कर रहे हैं। रुद्रपुर के दुग्धेश्वर नाथ मंदिर की बात करें तो यहां सुबह से ही हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं और एक-एक करके बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक व पूजा-अर्चना कर रहे हैं। आज महाकुंभ का अंतिम स्नान होने के साथ-साथ शिवरात्रि का भी विशेष महत्व है।
बुरहानपुर में भी महाशिवरात्रि के अवसर पर ताप्ती घाट स्थित शिवालय पर भक्तों की भीड़ जुटी। यह शिवालय करीब 400 साल पुराना है और यहां श्रद्धालुओं की संख्या अधिक थी। ताप्ती घाट पर शोभायात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें भक्तों ने बड़ी श्रद्धा से भगवान शिव की पूजा की।
बिहार के वैशाली में भी महाशिवरात्रि पर भक्तों का उल्लास देखने को मिला। सोनपुर में स्थित बाबा हरिहरनाथ जी के मंदिर में हल्दी रसम का आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने बाबा हरिहरनाथ को हल्दी लगाई। श्रद्धालुओं के बीच जबरदस्त उत्साह था और उन्होंने श्रद्धा भाव से पूजा की। यह दृश्य पूरे इलाके में भक्ति और विश्वास का प्रतीक बना।
छत्तीसगढ़ स्थित जशपुर में भी महाशिवरात्रि पर भक्तों की भीड़ उमड़ी। जिले के प्रसिद्ध गहिरागुरु की तपोभूमि कैलाश गुफा मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा था। भक्त सुबह से ही भगवान शिव के दर्शन करने पहुंचे और उनकी पूजा अर्चना की। कैलाश गुफा मंदिर में श्रद्धालुओं ने विशेष रूप से भगवान भोलेनाथ के दर्शन किए और उनकी भक्ति में लीन रहे।
वहीं, दिल्ली से सटे हरियाणा के रोहतक स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर में महाशिवरात्रि के दिन भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। मंदिर परिसर “बम बम भोलेनाथ” के जयकारों से गूंज उठा है। श्रद्धालु शिवलिंग पर दूध और फल चढ़ाकर भगवान को प्रसन्न करने का प्रयास किया। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाने वाली महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है।
रोहतक के इस प्राचीन मंदिर में पहुंचे भक्तों ने बताया कि महाशिवरात्रि का दिन इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को भगवान शिव पहली बार ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए थे। इसे ही महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। आसान शब्दों में कहें तो यह वह रात है जब भगवान शिव निराकार से साकार रूप में अवतरित हुए। वहीं, शिव महापुराण के अनुसार, इस तिथि पर भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। शिवजी ने वैराग्य छोड़कर पार्वती के साथ गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था इसलिए महाशिवरात्रि को शिव-पार्वती के विवाह के उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है।
पूर्वी दिल्ली के प्रीत विहार स्थित गुफा वाले मंदिर में भी महाशिवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी। यहां के गोवा वाले मंदिर में हजारों श्रद्धालु पहुंचे, जिन्होंने भगवान शिव के ऊपर दूध, बेलपत्र और जल अर्पित किया।
मंदिर के पुजारी उत्तम प्रकाश शास्त्री ने बताया कि श्रद्धालु बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा अर्चना कर रहे हैं। यहां की आस्था और भक्ति में उमंग का माहौल था, जिससे मंदिर में वातावरण भक्तिमय बन गया।
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