कांग्रेस ने आज यहां महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एमजीएनआरईजीए) का नाम बदलने और केंद्र द्वारा अधिनियम को कमजोर करने के कथित प्रयास के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष विनय कुमार ने कहा कि कांग्रेस भाजपा की इस अधिनियम को कमजोर करने की साजिश को नाकाम नहीं होने देगी और राज्य एवं देश भर में जन जागरूकता अभियान चलाएगी। उन्होंने कहा, “कांग्रेस सरकार ने एमजीएनआरईजीए के माध्यम से गरीबों और जरूरतमंदों को उनके अपने घर पर रोजगार की महत्वपूर्ण गारंटी प्रदान की थी। नरेंद्र मोदी सरकार इसे कमजोर करने की कोशिश कर रही है।”
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा ने योजना का नाम बदलकर न केवल महात्मा गांधी का अपमान किया है, बल्कि गरीबों के अधिकारों का भी हनन किया है। कुमार ने कहा कि यूपीए शासन के दौरान संसद में 100 घंटे की चर्चा के बाद यह कानून सर्वसम्मति से पारित हुआ था, लेकिन मोदी सरकार ने इसे जल्दबाजी में पारित करवाया।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस गरीबों और जरूरतमंदों के अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखेगी।”
हिमाचल प्रदेश के अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सह-प्रभारी विदित चौधरी ने कहा कि कांग्रेस ने देश को सूचना का अधिकार, भोजन का अधिकार और काम का अधिकार दिया, लेकिन भाजपा सरकार इन सभी अधिकारों को कमजोर कर रही है। उन्होंने कहा, “भाजपा को करारा जवाब देने का समय आ गया है। पार्टी कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करना चाहिए कि भाजपा किस तरह गरीबों के अधिकारों को कुचल रही है।”
अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के अध्यक्ष सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल एमजीएनआरईजीए का नाम बदलकर “संसद से सादात” करने और इसे कमजोर करने का विरोध करेंगे। ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि नया कानून ग्राम पंचायतों के अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन करता है। कांग्रेस 29 दिसंबर को द रिज स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने भूख हड़ताल करेगी।

