N1Live National अभी और बढ़ेगी जीएसटी घोटाला मामले में महेश लांगा की मुश्किलें, राजकोट आर्थिक अपराध शाखा की कार्रवाई में डीए एंटरप्राइजेज का भी नाम
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अभी और बढ़ेगी जीएसटी घोटाला मामले में महेश लांगा की मुश्किलें, राजकोट आर्थिक अपराध शाखा की कार्रवाई में डीए एंटरप्राइजेज का भी नाम

Mahesh Langa's troubles will increase further in GST scam case, DA Enterprises also named in the action of Rajkot Economic Offenses Wing.

राजकोट, 27 नवंबर । गुजरात में चर्चित फर्जी जीएसटी बिलिंग कांड की जांच अब राजकोट तक पहुंच चुकी है। इसमें महेश लांगा से जुड़ी हुई कम्पनी का नाम सामने आया है। राजकोट पुलिस द्वारा बुधवार को एक साथ 14 जगह छापेमारी की गई, जिसमें भावनगर, जामनगर, अहमदाबाद, वेरावल, कड़ी, महेसाणा, गांधीनगर, शापर, राजकोट में कार्रवाई की गई और 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। फर्जी पेढ़ी और फर्जी बिलिंग मामले में इन 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

जीएसटी घोटाला मामले में राजकोट आर्थिक अपराध शाखा ने कार्रवाई की है। इस कार्रवाई में राजकोट आर्थिक अपराध शाखा ने जीएसटी घोटाला मामले में शामिल 5 लोगों को हिरासत में लिया है। इस घोटाले को लेकर 14 जगहों पर छापेमारी कर यह गिरफ्तारी की गई है।

पीआई एस एम जाडेजा और उनकी टीम द्वारा इस घोटाले में शामिल आरोपियों को पकड़ा गया है। इसके बारे में प्राप्त सूचना के अनुसार राजकोट में परमार एंटरप्राइज नामक कंपनी बनाकर लगभग 60 लाख रुपये का जीएसटी घोटाला किया गया।

डीसीपी क्राइम पार्थराज सिंह गोहिल, राजकोट पुलिस ने इस पूरे मामले को लेकर बताया कि राजकोट पुलिस को 20 दिन पहले जानकारी मिली थी फर्जी पेढ़ीयों द्वारा फर्जी बिल बनाकर जीएसटी की क्रेडिट पास ऑन करने का गोरखधंधा चल रहा है। इसकी जांच के दौरान सामने आया कि 3 कम्पनियों डीए एंटरप्राइजेज, आर्यन एसोसिएट और अरहम स्टील पर पहले ही अहमदाबाद क्राइम ब्रांच द्वारा कार्रवाई की गई है। इसी को लेकर राजकोट अपराध शाखा की तरफ से कार्रवाई की गई।

इस पूरे मामले में आर्थिक अपराध शाखा के खुलासे के अनुसार परमार एंटरप्राइज नाम की कंपनी बनाकर जीएसटी घोटाले को अंजाम दिया गया और इसके जरिए जीएसटी से जुड़े कई गलत कामों को किया गया। परमार एंटरप्राइज नाम की इस कंपनी ने गुजरात के महेसाणा, जूनागढ़, गांधीनगर, राजकोट, गिर सोमनाथ, जामनगर सहित कई शहरों में जीएसटी घोटाले को अंजाम दिया।

डीए एंटरप्राइजेज नाम से इसमें सबसे ज्यादा बेनामी लेन-देन किए गए। यह वही कंपनी है जो पत्रकार महेश लांगा की है। जिनके खिलाफ जीएसटी धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं। उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था और उनकी जमानत याचिका को खारिज भी किया गया था। हालांकि सेशन कोर्ट ने एक मामले में महेश लांगा को जमानत दे दी है। लेकिन, लांगा को अभी जेल में ही रहना होगा क्योंकि उसकी जमानत पर हाई कोर्ट से फैसला 29 नवंबर को आना है।

लेकिन, राजकोट आर्थिक अपराध शाखा की तरफ से जो जीएसटी घोटाले में गिरफ्तारी हुई है। उसके बाद अब पुलिस पत्रकार महेश लांगा से इस मामले में फिर से पूछताछ कर सकती है। क्योंकि जिस परमार एंटरप्राइज के खिलाफ राजकोट की आर्थिक अपराध शाखा ने कार्रवाई की है। उसके बारे में स्पष्ट है कि उस कंपनी का फर्जी किरायानामा बनाकर एग्रीमेंट किया गया। इसके बाद इस झूठे रेंटल एग्रीमेंट के साथ राजकोट में इस कंपनी ने जीएसटी नंबर के लिए आवेदन किया और विभाग में “परमार एंटरप्राइज” के नाम से ऑनलाइन जीएसटी दाखिल किया गया।

फिर इस फर्जी कंपनी के जरिए कई कंपनियों ने जीएसटी घोटाले का खेल शुरू किया। जिसमें यश देव लोपर, इकरा एंटरप्राइजेज, सिविल प्लस इंजीनियरिंग, धनश्री मेटल, डीए एंटरप्राइज, आर्यन एसोसिएट, ज्योति इन्फ्रास्ट्रक्चर, अरहम स्टील, रिद्धि इन्फ्रास्ट्रक्चर, आशापुरा ट्रेडिंग, शिव मिलन प्लास्टिक एंड ग्लोबेट्रा इम्पेक्स, मां दुर्गा स्टील, मारुति नंदन कंस्ट्रक्शन, लखुभा नान्भा जैसी कंपनियां इस आपराधिक मामले में शामिल रही। जिसके जरिए गलत बिलिंग, जालसाजी, गलत दस्तावेजों और झूठे अभ्यावेदन के माध्यम से फर्जी इनपुट के जरिए लाखों की धोखाधड़ी की गई।

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