आनी के डीएसपी चंद्रशेखर कायथ ने कड़ी जाँच के बाद छह हफ़्तों से अनसुलझे इस मामले का खुलासा किया। यह अपराध हफ़्तों तक जनता से छिपा रहा, जब तक कि यह सोशल मीडिया पर सुर्खियों में नहीं आ गया।
शुरुआत में, पीड़िता का शव पेड़ से लटका मिलने के बाद आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया था। हालाँकि, जाँच में महत्वपूर्ण सबूत मिले, जिसके बाद चार लोगों को गिरफ्तार किया गया।
12 अगस्त को कुल्लू जिले की सैंज घाटी के देहुरी गांव में एक युवती के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और उसकी निर्मम हत्या कर दी गई। सैंज और बंजार पुलिस टीमों के शुरुआती प्रयास विफल रहे, जिससे व्यापक जन आक्रोश फैल गया और लापरवाही के आरोप लगाए गए।
कुल्लू के एसपी कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन ने कहा कि सैंज थाना प्रभारी की कथित चूक की जाँच शुरू कर दी गई है। उन्होंने आगे कहा कि जाँच दल द्वारा एकत्र किए गए सबूतों के आधार पर गिरफ्तारियाँ की गईं और मामले को छुपाने के आरोपों को “अतार्किक” बताते हुए खारिज कर दिया।
महिला मंडल ने आरोप लगाया कि एसएचओ ने न केवल कार्रवाई करने में कोताही बरती, बल्कि पीड़िता के चरित्र पर लांछन लगाकर आरोपियों को बचाने की भी कोशिश की। मंडल अध्यक्ष रुक्मणी और सचिव हरा देवी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने एसपी से मुलाकात की और एसएचओ को निलंबित कर चार्जशीट करने और किशोरी लाल व श्याम सिंह सहित सैंज पुलिस की पूरी टीम को हटाने की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर जल्द ध्यान नहीं दिया गया तो एसपी कार्यालय पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
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