चंडीगढ़, 1 जुलाई, 2025: शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (जैसा कि 2018 में संशोधित किया गया) के तहत दर्ज एफआईआर संख्या 22 दिनांक 25.06.2025 के संबंध में अपनी गिरफ्तारी और न्यायिक रिमांड को चुनौती देते हुए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
अपनी याचिका में मजीठिया ने “अवैध गिरफ्तारी” के खिलाफ राहत मांगी है और अदालत से न्यायिक मजिस्ट्रेट किरणदीप सिंह द्वारा 26 जून को पारित रिमांड आदेश को रद्द करने का आग्रह किया है, जिसमें उनकी हिरासत 2 जुलाई तक बढ़ा दी गई थी।
मजीठिया ने आरोप लगाया है कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(बी) और 13(2) के तहत दर्ज की गई एफआईआर राजनीति से प्रेरित है, जिसे सत्तारूढ़ सरकार के एक प्रमुख आलोचक को निशाना बनाने और चुप कराने के लिए तैयार किया गया है।
उनका कहना है कि यह मामला विपक्षी नेताओं को परेशान करने के एक बड़े अभियान का हिस्सा है।