June 6, 2025
National

वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण के लिए बड़ी पहल, किरेन रिजिजू ने लॉन्च किया ‘उम्मीद’ पोर्टल

Major initiative for registration of Waqf properties, Kiren Rijiju launched ‘Umeed’ portal

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरन रिजिजू ने शुक्रवार को ‘उम्मीद’ (एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास) पोर्टल लॉन्च किया। यह पोर्टल देश भर की वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण की प्रक्रिया को पारदर्शी और डिजिटल बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।

डिजिटल इंडिया पहल के तहत शुरू किए गए इस पोर्टल के माध्यम से अब सभी वक्फ बोर्डों की संपत्तियों का निर्धारित समयसीमा के भीतर पंजीकरण किया जाएगा। यह कदम वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और प्रशासन को सशक्त, प्रभावी और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है।

पोर्टल के शुभारंभ के अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, “आज ‘उम्मीद’ पोर्टल का शुभारंभ एक बड़ा कदम है। प्रधानमंत्री मोदी पहले भी कह चुके हैं कि स्वतंत्रता के बाद देश में जो महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं, उनमें वक्फ संशोधन अधिनियम भी एक बड़ा कदम है। यह कोई सामान्य निर्णय नहीं है, बल्कि करोड़ों लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाली एक ऐतिहासिक पहल है।”

रिजिजू ने बताया कि देश में 9 लाख से अधिक वक्फ संपत्तियां हैं। आने वाले समय में इन सभी का पंजीकरण इस पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हमने अधिनियम के अनुसार एक निश्चित समयसीमा तय की है, जिसमें संपत्तियों का पंजीकरण होना है। प्रक्रिया पूरी तरह स्पष्ट और सुविधाजनक है। इसमें किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी और सब कुछ पारदर्शी रहेगा। मैं सभी राज्य सरकारों और वक्फ बोर्डों से अपील करता हूं कि वे तय समयसीमा का कड़ाई से पालन करें।”

बता दें कि वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण ‘ओटीपी’ आधारित होगा। तीन स्तरों पर सत्यापन किया जाएगा। प्रत्येक संपत्ति को 17 अंकों की एक विशिष्ट पहचान संख्या दी जाएगी। इसके साथ ही, एक केंद्रीकृत हेल्पलाइन भी जारी की जाएगी, ताकि वक्फ बोर्डों को किसी भी तरह की तकनीकी सहायता आसानी से मिल सके। हालांकि, इस पहल को लेकर कुछ मुस्लिम संगठनों की ओर से आपत्ति भी दर्ज की गई है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस संशोधित वक्फ कानून को “असंवैधानिक” बताते हुए विरोध किया है।

वहीं, सरकार का कहना है कि इस पोर्टल से न केवल वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण और संरक्षण सुनिश्चित होगा, बल्कि उनके पारदर्शी और जवाबदेह उपयोग को भी बढ़ावा मिलेगा। यह पोर्टल उन लोगों के लिए “उम्मीद” की एक नई किरण साबित हो सकता है, जिनका जीवन वक्फ संपत्तियों से जुड़े संस्थानों और सुविधाओं पर आधारित है।

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