October 13, 2025
National

छिंदवाड़ा कफ सिरप मामले में बड़ा खुलासा, जहरीले स्तर पर मिला ‘डायएथिलीन ग्लाइकोल’

Major revelation in Chhindwara cough syrup case, ‘diethylene glycol’ found at toxic levels

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ कफ सिरप को लेकर सामने आई हालिया जांच रिपोर्ट ने कई चिंताएं बढ़ा दी हैं। औषधि एवं खाद्य नियंत्रक दिनेश मौर्य ने इस मामले में बड़ी जानकारी दी है।

उन्होंने बताया कि छिंदवाड़ा में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के संबंध में जिन सिरप और दवाओं की शिकायतें मिली थीं, उन सभी के नमूने लिए गए। इनमें से कुछ की जांच रिपोर्ट आ चुकी है, जबकि कुछ की जांच अभी भी जारी है। खासकर जिस कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बात हो रही है, वह तमिलनाडु में बनाया गया था।

जांच में यह पाया गया है कि इस कफ सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकोल की मात्रा निर्धारित सीमा से बहुत अधिक है। सामान्य तौर पर कफ सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकोल की मात्रा 0.10 प्रतिशत तक होनी चाहिए, मगर जांच में यह मात्रा 48 प्रतिशत पाई गई है, जो कि मानक से लगभग 480 गुना ज्यादा है।

डायएथिलीन ग्लाइकोल एक विषैला पदार्थ है, जिसकी अधिक मात्रा से शरीर में गंभीर नुकसान हो सकता है। इस कारण कोल्ड्रिफ कफ सिरप को कंटामिनटेड घोषित कर दिया गया है और इस पर बैन लगा दिया गया है। इसके साथ ही, मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ के सभी प्रोडक्ट्स की बिक्री पूरी तरह से रोक दी गई है।

वहीं, एक और कफ सिरप ‘नेक्सट्रो डीएस’ की भी जांच जारी है। इसकी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। जांच पूरी होने तक इस सिरप को प्रिस्क्राइब करने पर भी रोक लगा दी गई है।

औषधि एवं खाद्य नियंत्रक दिनेश मौर्य ने जनता से अपील की है कि वे बिना जांच और डॉक्टर की सलाह के किसी भी कफ सिरप का सेवन न करें। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सभी दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सरकार पूरी तरह सतर्क है और इस मामले में जल्द से जल्द दोषियों को पकड़कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस घटना को गंभीरता से लिया जा रहा है और इस तरह के घातक उत्पादों को बाजार से हटाने के लिए कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी ताकि जनता की सेहत सुरक्षित रहे।

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