नई दिल्ली, 22 जनवरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पुलिस बलों को और अधिक संवेदनशील बनाने और उन्हें उभरती प्रौद्योगिकियों में प्रशिक्षित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए राज्य कानून प्रवर्तन और केंद्रीय एजेंसियों के बीच अधिक सहयोग की मांग की।
तीन दिवसीय “महानिदेशकों (डीजीपी) और महानिरीक्षकों (आईजीपी) के अखिल भारतीय सम्मेलन” के समापन पर यहां राज्य और केंद्रीय पुलिस बलों के शीर्ष नेतृत्व को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने ‘नेशनल डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क’ के महत्व पर जोर दिया। एजेंसियों के बीच डेटा विनिमय को सुगम बनाना।
पीएम ने कहा, “जहां हमें बायोमेट्रिक्स आदि जैसे तकनीकी समाधानों का और अधिक लाभ उठाना चाहिए, वहीं पारंपरिक पुलिस तंत्र जैसे पैदल गश्त आदि को और मजबूत करने की भी आवश्यकता है।” और राज्यों में पुलिस संगठनों के लिए मानकों का निर्माण”।
पीएमओ द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मोदी ने जेल प्रबंधन में सुधार के लिए जेल सुधारों का भी सुझाव दिया। उन्होंने अधिकारियों के लगातार दौरों का आयोजन करके सीमा के साथ-साथ तटीय सुरक्षा को मजबूत करने पर भी चर्चा की।
राज्य और जिला स्तरों पर डीजीपी और आईजीपी सम्मेलन के मॉडल को दोहराने के लिए कहते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा कि इससे जमीनी स्तर पर बलों को “उभरती चुनौतियों और सर्वोत्तम प्रथाओं को विकसित करने” पर चर्चा करने में मदद मिलेगी।
प्रधान मंत्री द्वारा विशिष्ट सेवाओं के लिए पुलिस पदक वितरित करने के बाद सम्मेलन का समापन हुआ।
पीएमओ ने बयान में कहा, “सम्मेलन में पुलिसिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया, जिसमें काउंटर टेररिज्म, काउंटर इंसर्जेंसी और साइबर सुरक्षा शामिल है।”
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