श्रीनगर, 31 अगस्त । जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करना कोई आसान फैसला नहीं था।
उमर ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “चुनाव पूर्व गठबंधन करना आसान नहीं था, क्योंकि पार्टी को उन सीटों का त्याग करना पड़ा, जहां उसे जीत का भरोसा था। गठबंधन को अंतिम रूप देते ही इस फैसले का नतीजा और प्रभाव देखने को मिला। इसका नतीजा तब देखने को मिला, जब पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने चुनाव प्रचार से दूरी बना ली।”
उन्होंने कहा कि यह उनकी या उनके नेताओं की लड़ाई नहीं है, बल्कि यह एक सामूहिक लड़ाई है जो जम्मू-कश्मीर के लोगों को राहत दिलाएगी।
उमर ने कहा, “लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, कुछ लोग जेलों में सड़ रहे हैं जबकि कुछ को परेशान किया जा रहा है। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने घोषणापत्र में स्पष्ट कर दिया है कि अगर वह सत्ता में आई तो जम्मू-कश्मीर से पीएसए को पूरी तरह से हटा दिया जाएगा।”
एनसी और कांग्रेस ने चुनाव पूर्व गठबंधन किया है। कुल 90 विधानसभा सीटों में से एनसी 52 और कांग्रेस 31 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। दोनों पार्टियों ने दो सीटें में से एक सीपीआई एम और दूसरी पैंथर्स पार्टी के लिए छोड़ी है।
दोनों पार्टियों के बीच सोपोर, बनिहाल, डोडा, भद्रवाह और नगरोटा सीटों पर गठबंधन पर सहमति नहीं बन पाई। दोनों ने इन पांचों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जिनके बीच एक दूसरे के साथ ‘दोस्ताना मुकाबला’ होगा।
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