भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा ने पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में सिन्हा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में कोई भाषा आंदोलन नहीं चल रहा है।
उन्होंने दावा किया कि ममता बनर्जी बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्या मुसलमानों को संरक्षण दे रही हैं, ताकि उनकी वोट बैंक की राजनीति बनी रहे। बंगाल और बांग्लादेश की भाषा एक ही है। लेकिन, इसका इस्तेमाल घुसपैठियों को बचाने के लिए किया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी अवैध घुसपैठियों को वोटर लिस्ट में शामिल कर पश्चिम बंगाल को “बांग्लादेश” बनाने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन, हम ऐसा नहीं होने देंगे। केंद्र सरकार फर्जी मतदाताओं के खिलाफ कार्रवाई कर रही है और आगे भी करती रहेगी।
उन्होंने कहा, “हम जनता को बताएंगे कि ममता बनर्जी की नीतियां राज्य के लिए खतरनाक हैं। हम घुसपैठियों को हटाकर बंगाल को सुरक्षित रखना चाहते हैं। जनता तय करेगी कि वह किसके साथ है। घुसपैठियों को हटाने की प्रक्रिया शुरू होने से ममता बनर्जी की सरकार घबराई हुई है और इसे रोकने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है।”
चुनाव आयोग पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्रीय चुनाव आयोग स्वतंत्र रूप से काम करता है। लेकिन, पश्चिम बंगाल में मुख्य निर्वाचन अधिकारी स्वतंत्र नहीं हैं। यहां पर लोकतंत्र की नीतियों के खिलाफ काम किया जा रहा है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए पत्र लिखा है, लेकिन यह कदम पहले उठाया जाना चाहिए था। जब तक राज्य का चुनाव तंत्र पूरी तरह निष्पक्ष नहीं होगा, तब तक स्वच्छ और पारदर्शी चुनाव संभव नहीं है।
भाजपा नेता ने जनता से ममता बनर्जी की “घुसपैठ समर्थक” नीतियों के खिलाफ एकजुट होने की अपील की और कहा कि उनकी पार्टी जनता के बीच जाकर इस मुद्दे को उठाएगी और बंगाल को घुसपैठ से मुक्त करने के लिए काम करेगी।
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