पटना, 30 अगस्त । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के तथाकथित विवादित बयान को लेकर राजनेताओं का विरोध देखने को मिल रहा है। बंगाल सीएम ने कहा था कि अगर बंगाल जलेगा तो असम, झारखंड और बिहार भी चपेट में आएंगे। इस पर बिहार की जमुई लोकसभा सीट से लोजपा (आर) सांसद शांभवी चौधरी ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि ममता बनर्जी बिहार को लेकर बोलने वाली कौन हैं? अपने राज्य में उनसे लॉ एंड ऑर्डर संभल नहीं रहा है और वो बिहार पर टिप्पणी कर रही हैं। उनको पहले अपने राज्य को देखना चाहिए। बिहार विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है और आगे भी बढ़ता रहेगा।
उन्होंने कहा, हम लोगों ने सदन में भी आवाज उठाई कि टीएमसी शासित राज्य में महिलाएं सुरक्षित नहीं महसूस कर रही हैं। उनकी सुरक्षा को लेकर कुछ नहीं किया जा रहा है। इसके बावजूद वो इस पर बात करने बजाय बिहार और यूपी को लेकर बोल रही हैं। उनको अपने राज्य के लिए जवाब देना चाहिए, बिहार की चिंता करने की जरूरत नहीं है।
इससे पहले बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने ममता बनर्जी के तथाकथित विवादित बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए चुनौती दी थी कि वो बिहार में एक माचिस जलाकर दिखाएं।
नवनियुक्त भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तंज कसते हुए कहा था कि राजनीति की गाड़ी को चलाने के लिए इन नेताओं का नैतिक पतन हो गया है। जब जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटी, तो अलगाववादी, देश विरोधी और कश्मीर के कुछ नेताओं ने कहा था कि इससे पूरा देश जल उठेगा।
अब ममता बनर्जी इन लोगों की भाषा बोल रही हैं। जायसवाल ने कहा कि बिहार को कोई नहीं जला पाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि ममता बनर्जी बिहार में आकर एक माचिस जलाकर दिखाएं।
जायसवाल ने कहा था कि तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में जिस तरीके की घटना घटी है, वो बहुत विभत्स है। इसके बावजूद इन लोगों को शर्म नहीं आ रही है।
भाजपा नेता कहा था कि जिस डॉक्टर को भगवान माना जाता है, उसके साथ साथ ऐसी घटना हुई। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके समर्थक इस बात का जवाब दें कि वो लोग अपराधी को बचाने में क्यों लगे हुए हैं? जब उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई ( केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) ने मामले की जांच शुरू की, तब इन लोगों को शर्म आनी शुरू हुई और कार्रवाई शुरू हुई। इसलिए कहा जा सकता है कि इन लोगों का नैतिक पतन हो गया है।