यूटी ट्रैफिक पुलिस के एक सिपाही द्वारा पांच साल पहले दर्ज की गई शिकायत पर दर्ज हिट-एंड-रन का मामला झूठा निकला है। हेड कांस्टेबल शशि भूषण ने आरोप लगाया था कि पंजाब के एक निवासी ने उन्हें अपनी कार के बोनट पर 1 किलोमीटर तक घसीटा।
अदालत ने लुधियाना के अजय कुमार को बरी करते हुए कहा कि इस मामले में विरोधाभास और विसंगतियां अभियोजन पक्ष की कहानी पर संदेह पैदा करती हैं। अदालत ने कहा कि यह स्थापित कानून है कि संदेह का लाभ हमेशा आरोपी के पक्ष में जाता है।
पुलिस ने आरोप लगाया था कि उसने सेक्टर 44/45 चौक पर एक कार चालक को फोन पर बात करते हुए देखा। जब उसने ड्राइवर को रुकने का इशारा किया, तो उसने गाड़ी धीमी कर दी। पुलिस ने अजय से उसका लाइसेंस दिखाने को कहा, लेकिन उसने गाड़ी तेज़ चलाने की कोशिश की। पुलिस वाला बोनट पर गिर गया और करीब 1 किलोमीटर तक घसीटा गया|
सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने आरोपी के खिलाफ मामला साबित कर दिया है। वहीं, आरोपी के वकील आशीष कुमार गुप्ता ने कहा कि उनके मुवक्किल को झूठा फंसाया गया है।
अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता अदालत में मौजूद आरोपी की पहचान करने में विफल रहा और जांच अधिकारी ने कोई सीसीटीवी फुटेज अपने कब्जे में नहीं लिया।यहां तक कि शिकायतकर्ता को लगी चोटों के मेडिकल जांच रिकॉर्ड भी अदालत में मौजूद नहीं थे। अदालत ने कहा कि इस मामले में ये सभी विरोधाभास और विसंगतियां अभियोजन पक्ष की कहानी पर संदेह पैदा करती हैं।
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