सोलन पुलिस ने एक आदतन धोखेबाज को गिरफ्तार किया है, जिसकी पहचान निखिल ठाकुर (26) के रूप में हुई है, जो कसौली के गन्होल गांव का निवासी है, जिसने सोलन निवासी एक व्यक्ति से उसके बच्चों के लिए मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज (एमईएस), चंडीमंदिर में दो नौकरियों की व्यवस्था करने का वादा करके 1.72 लाख रुपये की ठगी की थी।
उसे कल शाम नालागढ़ से गिरफ्तार किया गया, जहां वह भोले-भाले लोगों को ठगने के इसी तरह के मामले का सामना कर रहा है। सोलन के एसपी गौरव सिंह ने बताया कि पुलिस ने उसे रिमांड पर लेने के लिए आज स्थानीय अदालत में पेश किया।
खुद बेरोजगार होने के बावजूद जिस तरह से वह लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने के लिए राजी करने में कामयाब रहा, उससे पुलिस हैरान और हैरान रह गई। उसकी गिरफ्तारी से यह भी उजागर हुआ है कि कैसे लोग किसी भी तरह से सरकारी नौकरी पाने के लिए लालायित रहते हैं, भले ही इसके लिए उन्हें अनधिकृत तरीके ही क्यों न अपनाने पड़ें।
पांच महीने पहले पुलिस को दी शिकायत में सोलन के दमकड़ी गांव निवासी देवेंद्र ठाकुर ने कहा था कि उसकी भाभी के पति मनोहर लाल ने उसे बताया था कि उसके गांव का ही निखिल ठाकुर एमईएस चंडीमंदिर में अधीक्षक के पद पर तैनात है।
उन्होंने बताया कि एमईएस में कुछ रिक्तियां अधिसूचित की गई हैं, जिनमें आईटीआई डिप्लोमा वालों की भर्ती की जानी है। मनोहर ने देवेंद्र से कहा कि ठाकुर उनके बच्चों के लिए नौकरी दिलाने में उनकी मदद कर सकते हैं।
देवेंद्र ने मनोहर लाल को बताया कि उसके बेटे ने आईटीआई डिप्लोमा कर लिया है। कुछ दिन बाद उसके पास एक कॉल आई, जिसमें फोन करने वाले ने खुद को निखिल ठाकुर बताया और बेटे के आईटीआई डिप्लोमा सर्टिफिकेट, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज व्हाट्सऐप नंबर पर भेजने को कहा। देवेंद्र ने अपने बेटे और बेटी के दस्तावेज निखिल ठाकुर को भेज दिए। अगले दिन उसी व्यक्ति ने फोन करके देवेंद्र को बताया कि उसके बच्चों के कागजात एमईएस चंडीमंदिर में कर्नल साहब ने सत्यापित कर दिए हैं। शिकायतकर्ता ने बताया कि निखिल ठाकुर ने कागजात और अन्य औपचारिकताएं पूरी करने के लिए 50 हजार रुपये देने को कहा। इसके बाद देवेंद्र ने निखिल ठाकुर द्वारा दिए गए बैंक अकाउंट नंबर में 50 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए।
निखिल ठाकुर ने अगले दिन देवेंद्र से और पैसे मांगे। देवेंद्र ने निखिल के अनुरोध को स्वीकार करते हुए अलग-अलग तारीखों पर गूगल पे के जरिए निखिल ठाकुर के खाते में 1.22 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
जनवरी में निखिल ठाकुर ने देवेंद्र के बेटे तपन का नियुक्ति पत्र वॉट्सऐप पर भेजा। तपन को 3 फरवरी से 13 फरवरी के बीच चंडीमंदिर में रिपोर्ट करने का आदेश दिया गया। इसके बाद निखिल ठाकुर ने देवेंद्र के फोन कॉल का जवाब देना बंद कर दिया। इसके अलावा मनोहर लाल ने निखिल ठाकुर को पैसे भी दिए।
पूछताछ करने पर पता चला कि निखिल ठाकुर नाम का कोई व्यक्ति एमईएस, चंडीमंदिर में तैनात नहीं है। निखिल नामक व्यक्ति ने शिकायतकर्ता को उसके बच्चों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर धोखा दिया था, जिसके बाद 27 फरवरी को सोलन सदर थाने में मामला दर्ज किया गया था।
निखिल ठाकुर के खिलाफ सोलन और नालागढ़ में दो मामले दर्ज किए गए थे, जबकि कई अन्य लोग अपनी मेहनत की कमाई वापस पाने के लिए उसकी तलाश कर रहे थे। सोलन पुलिस के अनुसार, निखिल एक आदतन अपराधी था जिसने छह अलग-अलग मामलों में लोगों से कम से कम 13 लाख रुपये ठगे थे।
इससे पहले निखिल को 27 फरवरी को नालागढ़ में धबोटा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। सरेला गांव निवासी शिकायतकर्ता सुनील कुमार के अनुसार निखिल ने उसके बच्चों के लिए एमईएस में क्लर्क और ड्राइवर की नौकरी लगवाने के नाम पर उसे और उसकी भतीजी को धोखा दिया और उससे 2.15 लाख रुपये ऐंठ लिए।
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