पंजाब पुलिस ने एक त्वरित और कुशल अभियान के तहत मोगा सिविल अस्पताल से नशा मुक्ति दवाओं की चोरी में शामिल व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है। यह चोरी दिवाली की रात को हुई थी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने शनिवार को यहां यह जानकारी दी। उन्होंने मामले में त्वरित सफलता के लिए जिला प्रशासन और पुलिस की सराहना की।
यहाँ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, डॉ. बलबीर सिंह ने इस चोरी को एक गंभीर अपराध बताया और आश्वासन दिया कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “मोगा सिविल अस्पताल से नशीली गोलियाँ चुराने वाले आरोपियों को घटना के कुछ ही दिनों के भीतर गिरफ्तार कर लिया गया है। मैं मोगा जिला प्रशासन और पुलिस के प्रयासों की सराहना करता हूँ।”
उन्होंने दोहराया कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के निर्देशों के तहत नशा तस्करों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है। डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि राज्य सरकार का “युद्ध नाशियाँ विरुद्ध” अभियान इस बुराई के उन्मूलन में मील का पत्थर साबित हो रहा है और इसके प्रभावी परिणाम अब दिखाई देने लगे हैं। उन्होंने बताया कि इस अभियान के शुरू होने के बाद से लगभग 20,000 लोग नशा छोड़ चुके हैं।
मामले की विस्तृत जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि दिवाली की रात मोगा सिविल अस्पताल से नशा मुक्ति की दवाइयाँ चोरी हो गईं। चोरी की गई कुल 10,150 गोलियाँ बरामद की गईं, जबकि 850 गोलियाँ आरोपियों द्वारा पहले ही बेच दी गई थीं।
मंत्री के साथ धर्मकोट के विधायक देविंदरजीत सिंह लाडी ढोस, उपायुक्त सागर सेतिया, एसएसपी अजय गांधी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे। डॉ. बलबीर सिंह ने स्वास्थ्य ढांचे को मज़बूत करने के लिए सरकार के व्यापक प्रयासों का भी ज़िक्र किया, जिसमें 1400 डॉक्टरों की भर्ती, 1000 और नर्सों की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है, और अस्पतालों में 350 प्रकार की मुफ़्त दवाइयाँ उपलब्ध कराना शामिल है। उन्होंने आगे बताया कि कोट ईसे खाँ स्थित नशा मुक्ति केंद्र को सभी सुविधाओं से युक्त कर दिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 1,000 लोग सफलतापूर्वक नशा मुक्ति उपचार करवा चुके हैं।


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