मंडी जिले के सरकाघाट के एक बहादुर सैनिक हवलदार सुखदेव सिंह ने भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट के हिस्से के रूप में लेह में अग्रिम मोर्चे पर सेवा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया।
शहीद का अंतिम संस्कार आज उनके पैतृक गांव जमसाई में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। अंतिम संस्कार में तहसीलदार मुनीश कुमार समेत स्थानीय प्रशासन के अधिकारी और उनकी यूनिट के जवान शामिल हुए और उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी। उनके परिवार को सांत्वना देने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे।
हवलदार सुखदेव सिंह अपने पीछे पत्नी अनीता देवी और एक पुत्र छोड़ गए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने युद्ध के मैदान में शहीद हुए हवलदार सुखदेव सिंह की मृत्यु पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि राष्ट्र उनकी वीरता के लिए हमेशा उनका ऋणी रहेगा। उन्होंने कहा कि हवलदार सुखदेव सिंह के योगदान और उनके सर्वोच्च बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति तथा परिजनों को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।
सुखदेव सिंह 24 साल से सेवा में थे और देश की सीमाओं की रक्षा के लिए इस क्षेत्र में तैनात थे। उनकी शहादत से सरकाघाट क्षेत्र में गहरा दुख हुआ है, जहां वे एक प्रिय और सम्मानित व्यक्ति थे।