इंफाल, मणिपुर में आदिवासियों के लिए अलग प्रशासन की मांग कर रहे दो मंत्रियों समेत 10 आदिवासी विधायक सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए 29 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र का बहिष्कार करेंगे।
विधायकों में शामिल दो मंत्री लेत्पाओ हाओकिप और नेमचा किपगेन हैं। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की अध्यक्षता वाली 12 सदस्यीय मंत्रिपरिषद में किपगेन अकेली महिला मंत्री हैं।
वरिष्ठ आदिवासी नेता और इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के प्रवक्ता गिन्ज़ा वुअलज़ोंग ने कहा कि आदिवासी मंत्री, विधायक और साथ ही आम जनता मैतेई बहुल राज्य की राजधानी इंफाल का दौरा करने से डरते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि कुकी, ज़ोमी और अन्य आदिवासी समुदायों से संबंधित कोई भी मंत्री, विधायक और नेता सुरक्षा कारणों से इंफाल जाने को तैयार नहीं हैं। इसलिए वे विधानसभा सत्र का बहिष्कार करेंगे। आदिवासियों पर लगातार हो रहे हमले पर एकजुटता जाहिर करना भी विधानसभा सत्र के बहिष्कार का एक कारण है।
विपक्षी कांग्रेस सहित विभिन्न दलों की मांग के बाद बुलाए गए महत्वपूर्ण विधानसभा सत्र में 3 मई को राज्य में भड़की जातीय हिंसा पर चर्चा होने की संभावना है। 3 मई से अब तक हुई झड़पों में 160 से अधिक लोग मारे गए हैं, जबकि 600 से अधिक अन्य घायल हुए हैं।