N1Live National मणिपुर सभी लोगों का है, यहां 34 समुदाय अनादि काल से साथ रह रहे : सीएम एन. बीरेन
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मणिपुर सभी लोगों का है, यहां 34 समुदाय अनादि काल से साथ रह रहे : सीएम एन. बीरेन

Manipur belongs to all the people, 34 communities have been living together here since time immemorial: CM N. Biren

इंफाल, 15 अगस्त । मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने गुरुवार को कहा कि राज्य में मौजूदा उथल-पुथल और अशांति का समाधान किया जा सकता है। लोगों की सामूहिक जिम्मेदारी से प्रदेश में शांति भी बहाल की जा सकती है।

78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर प्रथम मणिपुर राइफल्स परेड ग्राउंड में राष्ट्रीय ध्वज फहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मणिपुर उन सभी 34 मान्यता प्राप्त समुदायों का है, जो अनादि काल से एक साथ रह रहे हैं।

बीरेन सिंह ने कहा, “मणिपुर केवल किसी एक समुदाय, मैतेई या नागा, के लिए नहीं है। मणिपुर एक खूबसूरत बगीचे की तरह है, जिसमें तांगखुल, मैतेई, वैफेई, पैते, ज़ोमी, हमार, सिमटे, पौमई, अनल, लामकांग, माओ, मरम आदि मान्यता प्राप्त समुदाय के लोग शामिल हैं।”

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के जश्न में अरुणाचल प्रदेश के सशस्त्र पुलिस कर्मियों की मार्च पास्ट टुकड़ियों सहित कई स्कूली छात्रों, पुलिस और सशस्त्र कर्मियों की उपस्थिति ‘एक भारत, मजबूत भारत और एकजुट भारत’ का प्रतीक है।

उन्होंने कहा कि मणिपुर को अस्थिर करने की कोशिश करने वालों से तभी बचाया जा सकता है, जब प्रदेश में एक साथ रहने वाले कई समुदाय के लोग एकजुट हों। वर्तमान संघर्ष मणिपुर को तोड़ने की कोशिश करने वालों और एकीकृत मणिपुर के लिए संघर्ष करने वालों के बीच है।

उन्होंने आगे कहा कि लोगों को अपने राजनीतिक एजेंडे के साथ गुमराह करने की कोशिश करने वालों से खुद को दूर रखना चाहिए। सभी लोग बिना किसी राजनीतिक या व्यक्तिगत एजेंडे के किसी भी विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ एकजुट हों। हम एक-दूसरे को भड़काने के बजाय एकजुट होकर काम करके शांति ला सकते हैं।

उन्होंने कहा कि मणिपुर ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में भी योगदान दिया है। 1891 के एंग्लो-मणिपुर युद्ध में हमारे पूर्वजों ने भी निडरता से अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी।

पिछले साल 3 मई से हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना से प्रभावित ‘आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों’ (जातीय हिंसा के कारण) के कल्याण के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि विस्थापित लोगों को राहत शिविरों और पूर्वनिर्मित घरों में आश्रय प्रदान किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि दोनों प्रभावित समुदायों के विस्थापित लोगों को आवश्यक वस्तुएं प्रदान की जा रही हैं और 46 योजनाओं के तहत 4 लाख लाभार्थियों को लाभ प्रदान किया गया है। लगभग 300 करोड़ रुपये की राशि की योजनाओं का लाभ प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से लाभार्थियों को प्रदान किया जा रहा है।

उन्होंने आधिकारिक कार्यों के डिजिटलीकरण पर भी प्रकाश डाला और ई-सेवा पोर्टल, एप्लिकेशन और वेबसाइटों के उपयोग पर जोर दिया। हाल ही में विधानसभा में राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन (नेवा) के शुभारंभ पर भी उन्होंने प्रकाश डाला। उन्होंने आगे कहा कि खोए हुए समय की भरपाई करने और मणिपुर को पहले जैसा बनाने के लिए कड़ी मेहनत करने को सरकार प्रतिबद्ध है।

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