रोहतक, 28 जुलाई पूर्व मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता मनीष ग्रोवर द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव न लड़ने की घोषणा न केवल पार्टी के स्थानीय नेताओं के लिए बल्कि विपक्षी दलों के लिए भी आश्चर्य की बात है, क्योंकि यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडोली के पदभार ग्रहण समारोह में उन्हें (ग्रोवर को) ‘भावी मंत्री’ कहा था।
विपक्ष हैरान यह घटनाक्रम मुख्यमंत्री द्वारा उन्हें “भावी मंत्री” कहे जाने के कुछ दिनों बाद सामने आया है। ग्रोवर के फैसले से विपक्षी दलों के नेता भी हैरान हैं ग्रोवर के समर्थकों ने उन पर अपना निर्णय वापस लेने का दबाव बनाया है
ग्रोवर लोकसभा चुनाव के बाद से ही रोहतक विधानसभा क्षेत्र में काफी सक्रिय हैं और वहां के प्रमुख लोगों से मिल रहे हैं। इस कवायद को अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों का हिस्सा माना जा रहा है। विधानसभा की चुनावी राजनीति से उनका अचानक हटना सभी को हैरान कर रहा है, क्योंकि पिछले पांच चुनावों में ग्रोवर रोहतक विधानसभा क्षेत्र में भगवा पार्टी का चेहरा रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के करीबी सहयोगी और भगवा पार्टी के एक प्रभावशाली नेता ग्रोवर ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए घोषणा की थी कि न तो वह और न ही उनके परिवार के सदस्य राज्य विधानसभा के लिए आगामी चुनाव लड़ेंगे और इसे उनका व्यक्तिगत निर्णय बताया था।
ग्रोवर के इस फैसले से उनके समर्थक काफी निराश हैं। शनिवार देर रात वे उनके आवास पर पहुंचे और उन पर अपना फैसला वापस लेने का दबाव बनाया। खास बात यह रही कि उन्होंने न सिर्फ ग्रोवर के पक्ष में नारे लगाए, बल्कि उन्हें मनाने की भी खूब कोशिश की। इस दौरान ग्रोवर भी भावुक हो गए। रविवार सुबह वे अशोका चौक के पास ग्रोवर के दफ्तर पर एकत्र हुए और अपनी चिंताएं जाहिर कीं।
जहां तक ग्रोवर के राजनीतिक करियर की बात है, तो उन्होंने 1971 में भाजपा के साथ पोलिंग बूथ स्तर के कार्यकर्ता के रूप में काम करना शुरू किया और नगर पार्षद का चुनाव भी जीता। बाद में, 2014-19 तक विधायक रहने के दौरान वे मंत्री बने। ग्रोवर ने कमल के निशान पर लगातार पांच विधानसभा चुनाव लड़े, लेकिन केवल एक बार ही जीत सके।
ग्रोवर की घोषणा से उन नेताओं को मौका मिल गया है जो चुनाव में अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं, लेकिन उनकी मजबूत उम्मीदवारी के कारण उन्हें भाजपा का टिकट मिलने की संभावना कम थी।
आज अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए ग्रोवर ने कहा कि वे सभी पार्टी के लिए मिलकर काम करेंगे। उन्होंने कहा, “हम सभी पार्टी के सच्चे सिपाही हैं। मैं दो बार पार्षद, विधायक और मंत्री रह चुका हूं। अब नए कार्यकर्ताओं को आगे आना चाहिए। हम सभी मिलकर काम करेंगे और लगातार तीसरी बार राज्य में भाजपा की सरकार बनाएंगे।”
रोहतक से भाजपा टिकट की दौड़ में रोहतक नगर निगम के निवर्तमान महापौर एवं पूर्व मंत्री स्वर्गीय सेठ किशन दास के पुत्र मन मोहन गोयल, पूर्व पार्षद एवं भाजपा के रोहतक लोकसभा चुनाव प्रभारी अशोक खुराना और निवर्तमान उप महापौर राज कमल सहगल शामिल हैं।
गौरतलब है कि सहगल ने पार्टी टिकट के लिए दावा पेश करने के लिए व्हाट्सऐप ग्रुपों पर अपना बायोडाटा भी पोस्ट करना शुरू कर दिया है। फिलहाल वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जिला समन्वयक हैं।
इस बीच, रोहतक लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस मीडिया समन्वयक हेमंत बख्शी ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह उनके लिए भी आश्चर्यजनक है, क्योंकि यह घोषणा उस समय की गई है, जब ग्रोवर, मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे थे।
जेजेपी के वरिष्ठ नेता राजेश सैनी, जिन्होंने रोहतक से पिछला विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन असफल रहे थे, ने कहा कि ग्रोवर की घोषणा आश्चर्यजनक है, लेकिन यह पार्टी नेतृत्व पर दबाव बनाने और अपने समर्थकों को एकजुट करने की एक रणनीति हो सकती है।
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