नई दिल्ली, 20 अक्टूबर। दिल्ली में रोहिणी के प्रशांत विहार इलाके में सीआरपीएफ स्कूल के पास हुए बम धमाके पर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
पत्रकारों से बात करते हुए सिसोदिया ने कहा, “दिल्ली के रोहिणी इलाके में हुए बम धमाके से शहर के लोगों में चिंता और भय का माहौल पैदा हो गया है। त्योहारों के नजदीक यह घटना होने के कारण और भी चिंताजनक है। इस दौरान लोग बाजारों में भीड़-भाड़ में होते हैं और विभिन्न समारोहों में भाग लेते हैं। बम धमाके ने यह दर्शाया है कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर कितनी लापरवाह है। दिल्ली की कानून व्यवस्था और सुरक्षा की स्थिति को लेकर उनके पास कोई स्पष्ट योजना नहीं है। यह केंद्र सरकार का एक बड़ा फेलियर है।”
उन्होंने कहा, “धमाके के कारण एक स्कूल की दीवार गिर गई। लेकिन, सौभाग्य से आज छुट्टी का दिन था। अगर यह घटना स्कूल के समय होती, तो बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर खतरा हो सकता था। इस स्थिति ने मुझमें डर और चिंता पैदा कर दी है। मुझे सुबह से लगातार फोन और संदेश मिल रहे हैं, लोग मुझसे कह रहे हैं कि मैं दिल्ली की भीड़-भाड़ में न जाऊं। यह एक संकेत है कि लोग किस हद तक डर गए हैं।”
उन्होंने कहा, “भारतीय जनता पार्टी की लापरवाही और अक्षम प्रशासन की वजह से दिल्ली के लोग आज भयभीत हैं। जब इस धमाके की खबर टीवी और सोशल मीडिया पर फैली, तब लोगों ने देखा कि ठीक इसी समय दिल्ली में एक अन्य घटना भी घटी। कल शाम को दिल्ली के एक इलाके में फायरिंग हुई थी, इसमें एक लड़की घायल हो गई थी। ऐसा लग रहा है कि किसी गैंगस्टर के लिए दिल्ली में कानून का कोई खौफ नहीं है। खुलेआम फायरिंग करने वाले ये अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं, यह स्थिति बेहद चिंताजनक है।”
उन्होंने कहा, “पिछले कुछ दिनों में दिल्ली में गैंगस्टर का आतंक बढ़ा है। रंगदारी वसूली की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं और लोगों को उनके व्यवसायों के सामने धमकियां मिल रही हैं। यह स्थिति केवल एक घटना की नहीं है, बल्कि लगातार बढ़ती हुई कानून व्यवस्था की चूक का परिणाम है। नांगलोई में मिठाई की दुकान के सामने हुई फायरिंग की घटना या महिपालपुर में होटल मालिक को धमकाने की घटना, ये सब दिल्ली में अपराधियों के बढ़ते हौसले को दर्शाते हैं।”
उन्होंने कहा, “दिल्ली की पुलिस और कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी भारतीय जनता पार्टी की है। लेकिन, स्थिति यह है कि पुलिस नियंत्रण में नहीं है। पार्टी के नेता दिन-रात इस मुद्दे को नजरअंदाज कर रहे हैं और केवल लोगों के काम में बाधा डालने में व्यस्त हैं।”
उन्होंने कहा, “ये घटनाएं हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि क्या दिल्ली में सुरक्षा की स्थिति में कोई सुधार होगा या यह और भी बदतर होती जाएगी। दिल्ली के नागरिकों को इस पर विचार करने की आवश्यकता है और देखना होगा कि क्या हमारी सरकार उनकी सुरक्षा के प्रति गंभीर है या नहीं।”
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