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ज्योति मल्होत्रा पर भड़के मनोज मुंतशिर, बोले ‘भारत को ऐसे कीटाणु बम से ज्यादा खतरा’

Manoj Muntashir got angry at Jyoti Malhotra, said 'India is in more danger from such germ bombs'

मशहूर गीतकार और स्क्रिप्ट राइटर मनोज मुंतशिर शुक्ला ने देश के खिलाफ जासूसी के आरोप में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वह एक बात हमेशा कहते आए हैं कि ‘भारत को पाकिस्तान के परमाणु बम से ज्यादा खतरा भारत के ऐसे कीटाणु बम से है। इनका सफाया होना जरूरी है।’

ज्योति मल्होत्रा इन दिनों गलत वजहों से चर्चा में हैं। ज्योति ने साल 2019 के अगस्त महीने में व्लॉगिंग शुरू की और कुछ ही सालों में फेमस हो गईं। यूट्यूब पर उनके लाखों सब्सक्राइबर्स की बाढ़ है। उन्होंने कई देशों में, जिसमें पाकिस्तान भी शामिल है, जाकर वीडियोज बनाए। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि ज्योति पाकिस्तान दूतावास के अधिकारियों और आईएसआई के संपर्क में थीं। मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े होने के चलते केंद्र की एजेंसियां ज्योति से पूछताछ कर रही हैं।

इस मामले पर मनोज मुंतशिर शुक्ला ने कहा, “मुझे यह जानकर बड़ी शर्मिंदगी होती है। यूट्यूबर्स का काम भी राष्ट्र निर्माण का है। जिनको लाखों लोग फॉलो कर रहे हैं, अगर वे देशद्रोह में किसी भी तरह से लिप्त मिले, तो यह बड़े ही खतरे की बात है। यह एक बड़ी चेतावनी और चिंता का विषय है। मुझे लगता है कि हमारी एजेंसियों को, हमारी सुरक्षा एजेंसियों को इस पर और काम करना चाहिए। मैं एक बात हमेशा कहता हूं कि भारत को खतरा कभी पाकिस्तान के परमाणु बम से नहीं है, जो भारत के कीटाणु बम हैं, उनसे बड़ा खतरा है भारत को। यह भारत के कीटाणु बम हैं, इनसे हमें लड़ना चाहिए, इनका सफाया होना चाहिए।”

‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर उठ रहे सवालों पर उन्होंने कहा, “यह हर युग की बात है। सवाल भगवान श्री राम पर उठाए गए, सवाल भगवान श्री कृष्ण पर उठाए गए, तो आज अगर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं, तो मेरे लिए इसमें कोई अचंभे वाली बात नहीं है, लेकिन मैं यह समझता हूं कि अगर हम सवाल ही उठाते रहेंगे, हम इसको सेलिब्रेट कब करेंगे? आप अपनी सेनाओं का मनोबल ऊंचा करने के लिए क्या कर रहे हैं? आप जिस तरह के सवाल उठाते हैं, एक तो उनकी कोई बुनियाद नहीं है। मेरे ख्याल से अब एक ऐसा समय है, जब हमें भारत की शौर्य को, भारत की सेना को पूरी तरह से एक उत्सव की तरह मनाना चाहिए।”

भारत-पाक संघर्ष विराम को लेकर ट्रंप के मध्यस्थता करने संबंधी बयान पर भी मनोज ने अपना गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान की सेना और भारत की सेना के बीच की बात है। इसमें ट्रंप या किसी भी तीसरी ताकत की कोई भूमिका नहीं है। ‘शिमला समझौते’ के बाद तो यह तय हुआ था कि कोई तीसरी शक्ति इसमें शामिल नहीं होगी। भारत हर समझौते के साथ अपने हर शब्द के साथ अडिग खड़ा रहा है। मैं यह मानने से पूरी तरह इनकार करता हूं कि भारत ने ट्रंप को या किसी और को भी कहा होगा कि आप आएं हमारे बीच में सुलह कराएं। कश्मीर भारत का आंतरिक मुद्दा है। इसको हम इंटरनेशनल मुद्दा मानते ही नहीं हैं। यह बड़ा हास्यास्पद लगता है।

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