केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह सोमवार को नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारिता मंत्रियों की ‘मंथन बैठक’ की अध्यक्षता करेंगे।
सहकारिता मंत्रालय की ओर से आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में कार्य प्रगति की समीक्षा की जाएगी और पूरे भारत में सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने की रूपरेखा तैयार की जाएगी। बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारिता मंत्री, अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और सहकारिता विभागों के सचिव शामिल होंगे।
इसका मुख्य उद्देश्य प्रमुख योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा करना, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ (सहकारिता से समृद्धि) के दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है।
सम्मेलन का मुख्य ध्यान दो लाख नई बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) की स्थापना के साथ-साथ डेयरी और मत्स्य पालन क्षेत्र में सहकारी समितियों की स्थापना करना है। इन प्रयासों का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में अंतिम छोर तक सेवा पहुंचाना और किसानों, मछुआरों व स्थानीय उद्यमियों को सशक्त बनाना है।
बैठक में सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना की प्रगति की समीक्षा की जाएगी, जिससे देश में कृषि बुनियादी ढांचे और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
इसके अलावा, तीन नवगठित राष्ट्रीय बहु-राज्य सहकारी समितियों, राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल), राष्ट्रीय सहकारी जैविक लिमिटेड (एनसीओएल) और भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (बीबीएसएसएल) को समर्थन देने में राज्यों की भूमिका विचार-विमर्श का मुख्य बिंदु है।
सहकारिता मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया, “राज्य, ‘सहकारिता के बीच सहयोग’ अभियान और चल रहे ‘अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025’ के तहत अपनी प्रगति के साथ-साथ व्यापक सहभागिता की अपेक्षाएं भी प्रस्तुत करेंगे।”
“यह ‘मंथन बैठक’ सहकारी संघवाद की भावना के साथ केंद्र और राज्यों के बीच घनिष्ठ सहयोग के माध्यम से राज्य स्तरीय सहकारी समितियों को जीवंत आर्थिक संस्थाओं में बदलने में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करने में उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगी।”
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