तिरुवनंतपुरम, 15 नवंबर । सामाजिक कल्याण पेंशन में देरी के खिलाफ विरोध कर रही 86 वर्षीय दिहाड़ी मजदूर मारियाकुट्टी उनकी छवि खराब करने को लेकर माकपा के मुखपत्र ‘देशाभिमानी’ के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख करेंगी।
देशाभिमानी समेत मीडिया के एक वर्ग ने 10 नवंबर को भीख मांगने का कटोरा लेकर बुजुर्ग महिला के विरोध-प्रदर्शन की आलोचना की, जिसका वीडियो उसके गृह जिले- इडुक्की में वायरल हो गया।
जब राज्य की राजधानी में इस महीने के पहले सप्ताह में ‘केरलायीम’ पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे थे, तब वह अपने और अन्य लोगों को मिलने वाली सामाजिक कल्याण पेंशन में देरी का विरोध कर रही थीं।
इसके तुरंत बाद एक खबर सामने आई कि मारियाकुट्टी के पास 1.5 एकड़ जमीन और दो घर हैं और उनकी बेटी स्विट्जरलैंड में रहती है। इसमें आरोप लगाया गया कि वह पिनाराई विजयन सरकार की प्रतिष्ठा को खराब करने के लिए कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर साजिश कर रही हैं।
फिर महिला ने दुश्मन के खेमे से लड़ने का फैसला किया और स्थानीय ग्राम अधिकारी से संपर्क किया और अपनी जमीन और अन्य संपत्ति खोजने के लिए एक आवेदन प्रस्तुत किया।
निरीक्षण की उचित प्रक्रिया के बाद अधिकारियों ने एक प्रमाणपत्र जारी किया जिसमें कहा गया कि उसके पास कोई संपत्ति नहीं है।
यह भी पता चला कि उनकी बेटी स्विट्जरलैंड में नहीं, आदिमाली में रहती है, और लॉटरी टिकट बेचकर अपना गुजारा करती है।
अब, मारियाकुट्टी ने घोषणा की कि वह उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगी।
माकपा के मुखपत्र ने बुधवार सुबह अपनी रिपोर्ट के लिए माफ़ी मांगी।
मारियाकुट्टी ने कहा, “मैं चुपचाप बैठने वाली नहीं हूं। मुझे उनके द्वारा बताई गई 1.5 एकड़ जमीन चाहिए। मैं एक एकड़ अपने लिए रखूंगा, वे (जिन्होंने कहा कि मैं इसकी मालकिन हूं) बाकी रख सकते हैं। मैं निश्चित रूप से मामला दर्ज करूंगी क्योंकि उन्होंने मेरी छवि खराब की है। मैंने जो कुछ किया वह भीख माँगना था क्योंकि मुझे मेरी सामाजिक कल्याण पेंशन नहीं मिली। और क्या जीने के लिए भीख माँगना गलत है? मैं जानना चाहती हूँ।”
36 साल पहले अपने पति द्वारा छोड़े जाने के बाद, मारियाकुट्टी ने अपने चार बच्चों को पालने के लिए कड़ी मेहनत की। अब मीडिया की चकाचौंध तथा बदनामी अभियान ने उसे अपने गांव में एक स्टार बना दिया है। उन्होंने कहा, “अब, मुझे धमकियां भी मिल रही हैं, लेकिन मैं इसके साथ आगे बढ़ूंगी।”