शिमला, 11 अक्टूबर । हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार को कहा कि ग्राम पंचायतों द्वारा जारी विवाह, जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जल्द ही ऑनलाइन उपलब्ध होंगे।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने लोगों को उनके घर-द्वार पर आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
सुक्खू ने कहा, “राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत ग्रामीण विकास के माध्यम से ही मजबूत किया जा सकता है और इस लक्ष्य के लिए विभिन्न योजनाओं का सफल कार्यान्वयन आवश्यक है।”
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत 2023-24 में 344.31 लाख श्रम दिवस हासिल किए गए हैं, जो 275 लाख श्रम दिवस के प्रारंभिक लक्ष्य को पार कर गया है।
वर्ष 2024-25 के लिए 300 लाख श्रम दिवस का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 214.51 लाख श्रम दिवस पहले ही अर्जित किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने गांवों को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) प्लस मॉडल बनाने में राज्य की प्रगति पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा, “2024-25 में 17,582 गांवों को ओडीएफ प्लस मॉडल में तब्दील किया जाएगा और 9,203 गांवों ने पहले ही यह दर्जा हासिल कर लिया है। इसके अलावा 2,347 गांवों को ओडीएफ प्लस के रूप में सत्यापित किया गया है।”
विभिन्न विकास खंडों में 32 प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाइयों का निर्माण किया गया है, जिनमें से 26 इकाइयां पहले से ही चालू हैं। ये इकाइयां अंततः सभी विकास खंडों में स्थापित की जाएंगी।
सीएम सुक्खू ने महिला सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत किए जा रहे प्रयासों पर भी प्रकाश डाला। राज्य ने अब तक 43,161 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया है और उन्हें आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की है।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने ग्राम पंचायतों को सशक्त बनाने और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के प्रति सरकार के दृष्टिकोण की पुष्टि की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विभागीय योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए विभिन्न हितधारकों के बीच समन्वित प्रयास महत्वपूर्ण हैं।
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