जकार्ता, इंडोनेशिया में एक नर्सिंग होम में भीषण आग लगने की घटना सामने आई है। इस घटना में 16 लोगों की मौत हो गई है। आग लगने की वजह क्या थी, इसके बारे में अब तक कोई जानकारी सामने नहीं आई। जांच टीम मौके पर पहुंचकर घटना के कारण का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ ने बताया कि स्थानीय अधिकारियों ने सोमवार को जानकारी दी है कि इंडोनेशियाई पुलिस नॉर्थ सुलावेसी प्रांत की राजधानी मनाडो के एक नर्सिंग होम में आग लग गई। इस आग में 16 लोग मारे गए, जिनकी पहचान की जा रही है ताकि पीड़ित परिवार को उनका शव सौंप कर आगे की कार्रवाई की जा सके।
पोल्डा सुलुत के पब्लिक रिलेशन्स हेड अलमस्याह पी. हसीबुआन के मुताबिक, नॉर्थ सुलावेसी रीजनल पुलिस (पोल्डा सुलुत) के भायंगकारा हॉस्पिटल में पीड़ितों के शवों की पहचान की जा रही है। पहचान की प्रक्रिया का मकसद पीड़ितों के परिवारों के साथ आगे सहयोग से पहले उनकी पूरी पहचान करना है।
सिन्हुआ ने अधिकारी के हवाले से बताया, आग रविवार को स्थानीय समयानुसार रात करीब 8:36 बजे मनाडो के पाल दुआ डिस्ट्रिक्ट में मौजूद पैंटी वेरधा दमाई नर्सिंग होम में लगी। मनाडो शहर की सरकार द्वारा भेजी गई तीन फायर इंजन के मौके पर पहुंचने के बाद रात करीब 9:30 बजे आग बुझाई गई।
आग की खबर मिलने के बाद पुलिस अधिकारी आनन-फानन में घटनास्थल पर पहुंचे। अधिकारियों ने इलाके को सुरक्षित करने और बचाव कार्य में मदद का काम शुरू कर दिया। बचे हुए लोगों को मानाडो सिटी रीजनल हॉस्पिटल और परमाता बुंडा हॉस्पिटल ले जाया गया।
हसीबुआन ने कहा कि पुलिस फोरेंसिक टीमें घटनाओं के क्रम और आग लगने के शुरुआती कारण का पता लगाने के लिए क्राइम सीन की जांच कर रही हैं। इसके साथ ही घटना के चश्मदीदों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि आग लगने के कारण का पता चल सके।
स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले 22 दिसंबर को सोमवार सुबह सेंट्रल जावा प्रांत के सेमारंग शहर में क्राप्याक टोल एग्जिट के चौराहे पर एक बस दुर्घटना में 15 लोगों की मौत हो गई थी और 19 अन्य घायल हो गए।
सेमारंग सर्च एंड रेस्क्यू ऑफिस के अनुसार, यात्री बस की स्पीड बहुत ज्यादा थी और ड्राइवर ने अपना नियंत्रण खो दिया। इसकी वजह से गाड़ी एक सड़क अवरोधक से टकराकर पलट गई।
सेमारंग सर्च एंड रेस्क्यू ऑफिस के प्रमुख बुडियोनो ने कहा, “यात्रियों को निकालने की प्रक्रिया काफी मुश्किल थी, क्योंकि कुछ पीड़ित बस के अंदर फंस गए थे और टूटे हुए कांच के कारण रास्ता रुका हुआ था, हालांकि कड़ी मशक्कत के बाद सभी पीड़ितों को सफलतापूर्वक निकालकर पास के अस्पतालों में भेज दिया गया।


Leave feedback about this