रविवार रात पैराग्लाइडिंग स्थल के नीचे इंद्रुनाग मंदिर के पास धर्मशाला के वन क्षेत्र में भीषण आग लग गई, जिससे काफी बड़ा क्षेत्र इसकी चपेट में आ गया।
जंगल की आग से धर्मशाला और मैकलोडगंज शहरों के आसपास के सैकड़ों देवदार के पेड़ प्रभावित हुए हैं। आग रात भर तेजी से फैलती रही। सुबह के समय हालांकि आग की लपटें दिखाई नहीं दे रही थीं, लेकिन आग प्रभावित क्षेत्रों से अभी भी धुआं निकल रहा था।
आग की भयावहता को देखते हुए जंगली जानवरों और पक्षियों की जान जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। सूखी घास और हवा के कारण आग काफी बड़े क्षेत्र में फैल गई।
आग लगने का सही कारण अभी पता नहीं चल पाया है। स्थानीय पर्यटक गाइड तारुश जामवाल ने बताया कि जंगल की पहाड़ियों में ऐसी आग लगने की घटनाएं प्राकृतिक रूप से नहीं होती हैं।
“मुझे संदेह है कि यह जानबूझकर किया गया कृत्य है, क्योंकि आग ऊंचाई से शुरू हुई और बाद में नीचे की ओर फैल गई।”
स्थानीय लोगों ने बताया कि सूखी घास के कारण आग और भड़क गई, जो बड़े क्षेत्र में फैल गई।
अग्निशमन अधिकारी करम चंद ने बताया कि वे दमकल गाड़ियों के साथ मौके पर गए थे, लेकिन ऊंचे इलाकों तक पहुंचना असंभव था। उनका ध्यान आग को निचले इलाकों में बसे इलाकों में फैलने से रोकने पर था।
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