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एमबीबीएस घोटाला: पुलिस 12 और कर्मचारियों की जांच करेगी, 20 छात्र जांच के दायरे में

MBBS scam: Police will investigate 12 more employees, 20 students under the scanner

पंडित बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, रोहतक (यूएचएसआर) में हुए एमबीबीएस परीक्षा घोटाले में पुलिस आगे की महत्वपूर्ण कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है, जबकि इसमें शामिल लोगों को शीघ्र और सख्त सजा देने के लिए जनता का दबाव बढ़ रहा है।

फरवरी में सामने आए इस मामले में अब तक 41 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है, जिसमें एक निजी मेडिकल कॉलेज के 24 एमबीबीएस छात्र और यूएचएसआर के 17 कर्मचारी शामिल हैं। हालांकि, अभी तक केवल तीन कर्मचारियों को ही गिरफ्तार किया गया है और छात्रों के खिलाफ अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे जांच की धीमी गति को लेकर आलोचना हो रही है।

सूत्रों के अनुसार, पुलिस अब 12 और कर्मचारियों को जांच के दायरे में लाने की कोशिश कर रही है – जिनका नाम पहले ही एफआईआर में दर्ज है – साथ ही चार और व्यक्ति जिनके नाम चल रही जांच के दौरान सामने आए हैं। इन व्यक्तियों से पूछताछ की अनुमति विश्वविद्यालय से प्राप्त कर ली गई है। एफआईआर में दर्ज बीस एमबीबीएस छात्र भी जांच के दायरे में हैं, और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।

चिकित्सा पेशेवरों के संगठन यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से निर्णायक कार्रवाई की अपील की है। संगठन के अध्यक्ष डॉ. अमित व्यास ने कहा, “इस घोटाले ने न केवल चिकित्सा शिक्षा की प्रतिष्ठा को धूमिल किया है, बल्कि हजारों ईमानदार और मेहनती छात्रों के भविष्य को भी खतरे में डाल दिया है।”

मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में डॉ. व्यास ने स्वतंत्र, उच्चस्तरीय जांच, आरोपी छात्रों को तत्काल निष्कासित करने और इसमें शामिल विश्वविद्यालय कर्मचारियों के खिलाफ सख्त प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने विश्वविद्यालय की परीक्षा प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता पर भी जोर दिया ताकि इसे अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और धोखाधड़ी से मुक्त बनाया जा सके।

अखिल भारतीय आदर्श जाट महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता दीपक राठी ने इन मांगों को दोहराते हुए अधिकारियों से बिना देरी किए कार्रवाई करने का आग्रह किया। राठी ने कहा, “यह हरियाणा में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है। इस बात की प्रबल संभावना है कि इसमें उच्च-स्तरीय अधिकारी शामिल हो सकते हैं। पुलिस को इस मामले की इस दृष्टिकोण से भी जांच करनी चाहिए।”

इस बीच, जिला पुलिस ने हाल ही में मामले में 978 पृष्ठों का आरोपपत्र प्रस्तुत किया है, जो कथित कदाचार की गहराई और साजिश के पैमाने को दर्शाता है।

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