गुरूग्राम, 22 नवंबर गुरुग्राम नगर निगम (एमसीजी) ने सेवा नियमों के उल्लंघन और स्थानीय निकाय की छवि खराब करने के आरोप में दो सफाई कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं, जबकि एक अन्य को निलंबित कर दिया गया है।
ठेकेदार से पैसे की मांग की शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि नरेश, राम, राजेश और अन्य लोग उस पर हर महीने 25,000 रुपये देने का दबाव डाल रहे थे।
आरोपी, जो स्थानीय व्यापार संघ के कार्यकर्ता हैं, ने कथित तौर पर ठेकेदार को धमकी दी कि वे उसके कचरा उठाने वाले वाहनों को सड़कों पर चलने की अनुमति नहीं देंगे, जब तक कि वह मांगी गई राशि का भुगतान नहीं करता।
नगर निगम की ओर से जारी आदेशों में कहा गया है कि पुलिस ने 14 नवंबर को एक स्थानीय ठेकेदार से पैसे मांगने के आरोप में सफाई कर्मचारी राम सिंह, नरेश कुमार और राजेश कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
आदेशों में कहा गया है कि इस घटना ने नगर निकाय की छवि को धूमिल किया है। सफाई कर्मचारी राम और नरेश की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई हैं जबकि राजेश कुमार को निलंबन आदेश जारी किए गए हैं। नगर निगम के लिए काम करने वाले एक ठेकेदार की शिकायत पर 14 नवंबर को गुरुग्राम के सिविल लाइन्स पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि नरेश, राम, राजेश और अन्य लोग उस पर हर महीने 25,000 रुपये देने का दबाव बना रहे थे।
आरोपी, जो स्थानीय व्यापार संघ के कार्यकर्ता हैं, ने कथित तौर पर ठेकेदार को धमकी दी कि वे उसके कचरा उठाने वाले वाहनों को सड़कों पर चलने की अनुमति नहीं देंगे, जब तक कि वह मांगी गई राशि का भुगतान नहीं करता।
उन्होंने जनवरी 2023 से भुगतान की मांग करते हुए ठेकेदार से बकाया भुगतान करने को कहा। विभागीय कार्रवाई शुरू करने के बाद मामले की जांच के लिए अतिरिक्त नगर आयुक्त, संयुक्त आयुक्त (स्वच्छ भारत मिशन), मुख्य लेखा अधिकारी और सतर्कता विंग के सलाहकार की एक समिति भी गठित की गई है।
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