प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें मांग की गई कि आगामी स्थानीय निकाय चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के बजाय मतपत्रों के माध्यम से कराए जाएं।
पार्टी नेताओं ने ईवीएम की विश्वसनीयता और हैकिंग की संभावना पर चिंता जताते हुए कहा कि विभिन्न मंचों पर बार-बार आपत्ति जताए जाने के बावजूद अधिकारी जनता की शिकायतों का समाधान करने में विफल रहे हैं।
ज्ञापन में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने कहा, “संबंधित अधिकारी समय-समय पर उठाई गई शिकायतों का समाधान करने और जनता को यह विश्वास दिलाने में अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में विफल रहे हैं कि ईवीएम वास्तव में निष्पक्ष हैं।”
ज्ञापन में हाल ही में हुए हरियाणा विधानसभा चुनावों में विसंगतियों का आरोप लगाया गया है, जिसमें डाले गए और गिने गए मतों में अंतर तथा वोट प्रतिशत में अप्रत्याशित वृद्धि शामिल है।
“ऐसी घटनाओं के कारण संवैधानिक अधिकारियों पर भरोसा डगमगाने लगा है। चूंकि ईवीएम पर लोगों का भरोसा कम होता जा रहा है, इसलिए बैलेट पेपर की पुरानी पद्धति पर वापस लौटना उचित है। भरोसा और विश्वास चुनाव प्रक्रिया के मुख्य स्तंभ हैं और इन्हें बनाए रखना और संरक्षित करना आवश्यक है।”
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि उत्तराखंड ने हाल ही में स्थानीय निकाय चुनावों में मतपत्रों के उपयोग को पुनः अपनाया है तथा हरियाणा राज्य चुनाव आयोग से भी ऐसा ही करने का आग्रह किया। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में विधायक बीबी बत्रा, अशोक अरोड़ा, गीता भुक्कल, पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल और पूर्व विधायक लहरी सिंह शामिल थे।
कांग्रेस ने आठ नगर निगमों में महापौर और वार्ड सदस्यों के लिए पार्टी चिन्ह पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इसके अलावा वह चार नगर परिषदों में अध्यक्ष पद के लिए भी उम्मीदवार उतारेगी। उदयभान ने घोषणा की कि इच्छुक उम्मीदवार 11 फरवरी को शाम पांच बजे तक स्थानीय निकाय चुनाव के जिला समिति प्रभारी को अपने आवेदन जमा करा दें।
भान ने राज्य सरकार की भी आलोचना की तथा आरोप लगाया कि अनुसूचित जाति (एससी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदायों को आरक्षण नीति के अनुसार सीटें आवंटित नहीं की जा रही हैं।