संभावित भूकंप परिदृश्य के जवाब में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की परिचालन तत्परता का परीक्षण करने के लिए आज मंडी जिला और इसके उपमंडल मुख्यालयों में एक व्यापक मेगा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।
सुबह 9 बजे एक नकली अलर्ट जारी होने के बाद अभ्यास शुरू हुआ, जिसके बाद आपदा प्रतिक्रिया से जुड़े सभी प्रमुख अधिकारियों को जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र (डीईओसी) में जुटना पड़ा। जिम्मेदार अधिकारी और डिप्टी कमिश्नर अपूर्व देवगन की देखरेख में डीईओसी को सक्रिय किया गया और स्थापित आपदा प्रबंधन प्रोटोकॉल के अनुसार संचालन शुरू किया गया।
अभ्यास के दौरान पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा, इंसीडेंट कमांडर एवं अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट मदन कुमार, मुख्य पर्यवेक्षक सूबेदार मेजर के. पलानी स्वामी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सागर चंद्र सहित वरिष्ठ जिला अधिकारी डीईओसी में उपस्थित थे।
जिले भर में कई स्थानों पर एक साथ बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल की गई, ताकि बड़े भूकंप से उत्पन्न होने वाली विभिन्न आपदा परिदृश्यों का अनुकरण किया जा सके। इनमें मंडी शहर के इंदिरा मार्केट और क्षेत्रीय अस्पताल जैसे प्रमुख स्थानों पर आपातकालीन स्थितियों का मंचन भी शामिल था।
समन्वित प्रयास में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), होमगार्ड, आपदा मित्र, एनएसएस स्वयंसेवक और गैर सरकारी संगठनों सहित विभिन्न विभागों की सक्रिय भागीदारी देखी गई। सभी ऑपरेशन घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (आईआरएस) के तहत निष्पादित किए गए, जिससे प्रत्येक परिदृश्य के लिए यथार्थवादी और संरचित प्रतिक्रिया सुनिश्चित हुई।
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