शिमला जिला परिषद के सदस्यों ने आज यहां अपनी बैठक में जिला परिषद के कोरम से सांसदों और विधायकों को बाहर करने का प्रस्ताव रखा। सदस्यों ने कहा कि सांसद और विधायक जिला परिषद की बैठक में शामिल नहीं होते हैं, जिसके कारण अक्सर बैठक का कोरम पूरा नहीं हो पाता है, जिससे मामलों को मंजूरी देने में अनावश्यक देरी होती है। बैठक की अध्यक्षता जिला परिषद की अध्यक्ष चंद्र प्रभा नेगी ने की। पेपर लीक मामले में शामिल अधिकारियों को निलंबित करने के प्रस्ताव के बारे में सदस्यों को बताया गया कि इस मामले पर हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष से चर्चा की गई है और इसे विधानसभा में रखा जाएगा।
शिल्पकारों एवं कारीगरों के पंजीकरण से संबंधित प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए सदस्यों को बताया गया कि विशेषज्ञ एवं कारीगर प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं, जिसके तहत उन्हें प्रशिक्षण के साथ-साथ टूलकिट प्राप्त करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है।
कोटगढ़ में पुलिस चौकी खोलने के संबंध में एसपी संजीव गांधी ने कहा कि जिला परिषद की अगली बैठक में इसकी अनुपालना सुनिश्चित की जाएगी। सदस्यों को अवगत कराया गया कि चौपाल की सरांह ग्राम पंचायत में पौध संरक्षण उप-केन्द्र खोलने के लिए विस्तृत रिपोर्ट सरकार को भेजी गई है तथा इसके लिए विभिन्न पदों का सृजन किया जाएगा।
इस दौरान अतिरिक्त उपायुक्त अभिषेक वर्मा ने सभी खंड विकास अधिकारियों को 14वें और 15वें वित्त आयोग के तहत खर्च न की गई राशि का पूरा ब्यौरा एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए ताकि इस राशि का समुचित उपयोग किया जा सके। इसके अलावा सदस्यों ने जिले में नशे की लत को रोकने के लिए शिमला के एसपी संजीव गांधी और उनकी टीम की सराहना की।
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