केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने शुक्रवार को हितधारकों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार मछुआरों को फायदा पहुंचाने के लिए ट्रांसपोंडर और टर्टल एक्सक्लूडर जैसे कई तरह के साइंटिफिक डिवाइस को मुफ्त में उपलब्ध करवा रही है।
उन्होंने मछुआरों और मछली कृषकों से एनएफडीपी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने का आग्रह किया, ताकि वे सरकार द्वारा उपलब्ध करवाए जा रहे अवसरों का लाभ उठा सकें। केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन ने कोच्चि में समुद्री मत्स्य पालन जनगणना (एमएफसी) 2025 घरेलू गणना, व्यास-भारत और व्यास-सूत्र ऐप लॉन्च किया। एमएफसी 2025 का शुभारंभ राष्ट्रीय गणना प्रक्रिया के पूर्ण और ऐतिहासिक डिजिटल परिवर्तन का प्रतीक है।
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा दी गई आधिकारिक जानकारी के अनुसार, पुरानी कागज-आधारित विधियों से पूरी तरह अलग और आगे बढ़ते हुए एमएफसी 2025 अब तक का सबसे व्यापक, विस्तृत और भू-संदर्भित राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो साक्ष्य-आधारित योजना के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगा।
एमएफसी 2025 को लेकर दी गई जानकारी के अनुसार, यह दक्षता और सटीकता के लिए डिजिटल दृष्टिकोण रीयल-टाइम, भू-संदर्भित डेटा कलेक्शन को सक्षम बनाता है, जिससे मैनुअल एरर की संभावना खत्म हो जाती है और डेटा प्रोसेसिंग में तेजी आती है। इसके अलावा, पूरे काम की निगरानी मल्टी-टायर वेब डैशबोर्ड और सुरवाइजरी ऐप के जरिए की जाती है, जिससे रीयल-टाइम प्रोग्रेस ट्रैकिंग, डेटा एक्यूरेसी, और जवाबदेही सुनिश्चित होती है।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि पहली बार, गणना में कुल पारिवारिक आय, गृह स्वामित्व, बकाया देनदारियों और ऋण के स्रोतों जैसे महत्वपूर्ण संकेतकों पर विस्तृत जानकारी शामिल है। तटीय इलाकों में रहने वाली आबादी सामाजिक-आर्थिक स्थिति की गहन एवं विस्तृत समझ प्राप्त करने के लिए एमएफसी-2025 के दायरे का विस्तार किया गया है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि भविष्य में सरकार का हस्तक्षेप सटीक के साथ-साथ प्रभावशाली भी हो।
इसके अलावा, मछली किसान उत्पादक संगठनों (एफएफपीओ) और स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) पर ध्यान केंद्रित करने वाली नई अनुसूचियां शुरू की गई हैं ताकि वैल्यू चेन को मजबूत किया जा सके।

 
													
 
											 
											 
											 
											 
											