November 23, 2024
Chandigarh Punjab

मंत्री हरपाल चीमा ने सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने और पूंजी विस्तार के लिए सहकारिता विभाग को पूर्ण समर्थन दिया

सहकारिता विभाग को पंजाब के आर्थिक विकास की रीढ़ मानते हुए राज्य के वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार और विशेष रूप से वित्त विभाग, सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने और इसकी पूंजी का विस्तार करने के लिए सहकारिता विभाग को पूर्ण समर्थन दे रहा है। वित्त मंत्री चीमा ने ये बातें टैगोर भवन में 71वें अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह के अंतिम दिन राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित करते हुए कहीं।

इस अवसर पर चीमा ने सहकारिता विभाग द्वारा तैयार किए गए वेब पोर्टल ‘फुलकारी’ का शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य राज्य भर में महिला कारीगरों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों के लिए विश्व स्तरीय बिक्री का अवसर प्रदान करना है। उन्होंने वेरका के नए उत्पादों और सहकारिता विभाग की कॉफी टेबल बुक का भी अनावरण किया।

अपने संबोधन में वित्त मंत्री ने बताया कि शुगरफैड, जो 2022 में वर्तमान सरकार के सत्ता में आने पर 400 करोड़ रुपये से अधिक की देनदारियों के बोझ तले दबा हुआ था, पिछले दो वर्षों में एक संपन्न संस्थान में तब्दील हो गया है।

उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों के दौरान न केवल इन देनदारियों का निपटान किया गया है, बल्कि संस्थान को काफी मजबूत भी बनाया गया है।

उन्होंने कहा, “इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, गन्ने की खेती का क्षेत्र 2022-23 में 50,429 हेक्टेयर से बढ़कर 2024-25 में 56,391 हेक्टेयर हो गया है। इस संस्थान को घाटे से लाभ में लाने के प्रयास भी किए गए हैं, जिसके तहत भोगपुर सहकारी चीनी मिल में धान की पराली पर चलने वाले 14 मेगावाट के सह-उत्पादन संयंत्र से 2023-24 में 15.31 करोड़ रुपये की कमाई होगी।”

वित्त मंत्री चीमा ने मिल्कफेड को देश की शीर्ष तीन दूध उत्पाद एजेंसियों में से एक बताते हुए कहा कि मिल्कफेड ने वित्तीय वर्ष 2023-2024 के दौरान प्रतिदिन 31 लाख लीटर दूध खरीद कर कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने वेरका कैटल फीड प्लांट, घनिया के बांगर में 50 एमटीपीडी बाई-पास प्रोटीन प्लांट और गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, लुधियाना में 50,000 एलपीडी तक की क्षमता वाली किण्वित दूध प्रसंस्करण और पैकेजिंग इकाई के चालू होने का भी जिक्र किया। इस अवसर पर उन्होंने वेरका के नए उत्पादों का अनावरण किया जिनमें गाय के घी के 1-लीटर प्लास्टिक जार, शुगर-फ्री खीर, शुगर-फ्री मिल्क केक और शुगर-फ्री पियो प्रोटीन शामिल हैं।

वित्त मंत्री चीमा ने किसानों को धान-गेहूँ के चक्र से हटाने के लिए मूंग के लिए मूल्य समर्थन योजना के माध्यम से फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने में मार्कफेड की भूमिका की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि मार्कफेड ने 7,584 मीट्रिक टन मूंग की खरीद की, जिससे 4,515 किसानों को लाभ हुआ। चीमा ने कहा कि मार्कफेड द्वारा तैयार और विपणन किए जाने वाले प्रसंस्कृत खाद्य और अन्य खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता ने दुनिया भर में पहचान बनाई है, जिससे सहकारी समितियों को अपने उत्पादों को बेचने के लिए एक मजबूत मंच मिला है।

वित्त मंत्री चीमा ने किसानों को कृषि और अन्य जरूरतों के लिए कम ब्याज दर पर ऋण देने के लिए सहकारी बैंकों की सराहना करते हुए कहा कि इन बैंकों की ताकत और दक्षता बढ़ाने के लिए इन्हें कम्प्यूटरीकृत किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान शुरू की गई एक परियोजना के तहत 50 प्रतिशत बैंकों का कम्प्यूटरीकरण किया जा चुका है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए बैंकों को बधाई देते हुए अधिकारियों से ऋण वसूली में सुधार लाने का आग्रह किया ताकि अधिक से अधिक किसानों को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जा सके।

मंत्री चीमा ने सहकारिता विभाग के अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों के योगदान की भी सराहना की, जिनमें लेबरफेड, पंजाब राज्य सहकारी विकास फेडरेशन लिमिटेड और पंजाब सहकारी प्रशिक्षण संस्थान शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि पराली प्रबंधन के लिए 3,000 प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को लगभग 15,000 कृषि उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे पराली जलाने की घटनाओं को नियंत्रित करने में मदद मिली है। उन्होंने आगे कहा कि फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए पंजाब में 12 नए खाद्य प्रसंस्करण संगठन स्थापित किए गए हैं।

पंजाब के मुख्यमंत्री के विशेष मुख्य सचिव वी.के. सिंह ने अपने संबोधन में बर्ट्रेंड रसेल के कथन को रेखांकित किया, “मानवता को मुक्ति दिलाने वाली एकमात्र चीज़ सहकारिता है।” उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि किसानों को मौजूदा कृषि संकट से बाहर निकालने के लिए सहकारिता आंदोलन ज़रूरी है। उन्होंने बताया कि किसान पहले खुदरा मूल्य पर कृषि के लिए इनपुट खरीदते थे और अपनी उपज थोक मूल्य पर बेचते थे, और केवल सहकारी समितियों के माध्यम से ही वे थोक मूल्य पर खरीद सकते हैं और खुदरा मूल्य पर बेच सकते हैं।

सहकारिता विभाग की सचिव अनिंदिता मित्रा ने 71वें अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह के दौरान आयोजित कार्यक्रमों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। अपने संबोधन से पहले सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार विमल कुमार सेतिया ने कार्यक्रम में आए गणमान्यों का स्वागत किया।

इस दौरान चीमा ने बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली सहकारी समितियों, खाद्य प्रसंस्करण समितियों, प्रगतिशील किसानों, श्रम एवं निर्माण सहकारी समितियों, सहकारी बैंकों, वेरका डेयरी और चीनी मिलों को 28 अलग-अलग पुरस्कारों से सम्मानित किया। उन्होंने जेआईसीए महिला स्व-सहायता समूह, जगराओं, न्यू सोना स्व-सहायता समूह, बठिंडा, श्री गुरु अर्जन देव महिला स्व-सहायता समूह, समराला, फतेह हस्तशिल्प महिला स्व-सहायता समूह, पटियाला, खिजराबाद महिला स्व-सहायता समूह, मोहाली, मिल्कफेड, मार्कफेड और पंजाब कृषि सहकारी समितियों द्वारा लगाए गए स्टालों का भी दौरा किया और उनके प्रयासों की सराहना की।

इस अवसर पर सचिव सहकारिता रितु अग्रवाल, चेयरमैन पीएससीबी जगदेव सिंह भाम, चेयरमैन एसएडीबी सुरेश गोयल, चेयरमैन मिल्कफेड नरिंदर सिंह शेरगिल, चेयरमैन मार्कफेड अमनदीप सिंह मोही, चेयरमैन शुगरफेड नवदीप सिंह जीदा, चेयरमैन लेबरफेड विश्वास सैनी और चेयरमैन हाउसफेड नरिंदर सिंह भी उपस्थित थे।

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