पुणे, भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच दूसरा टेस्ट पुणे में खेला जाएगा। उम्मीद है कि यहां स्पिनरों को ज़्यादा मदद मिलेगी और गेंदबाज़ों को काफ़ी कम बाउंस मिलने की संभावना है। अगर ऐसा होता है तो न्यूज़ीलैंड के तेज़ गेंदबाज़ों का प्रभाव काफ़ी कम हो जाएगा। न्यूज़ीलैंड के तेज़ गेंदबाज़ों ने ही बेंगलुरु में भारत को हराने में सबसे अहम भूमिका निभाई थी और 36 वर्षों के बाद वे भारत को भारत में टेस्ट मैच हराने में सफल रहे। हालांकि दूसरे टेस्ट के पहले अभ्यास सत्र के बाद न्यूज़ीलैंड के ऑलराउंडर डैरिल मिचेल ज़्यादा चिंतित नहीं दिखे।
मिचेल ने कहा, “हम पिच में तो किसी तरह का बदलाव नहीं कर सकते हैं। यह हमारे हाथ में नहीं है। हमारे हाथ में यह है कि हमारे सामने जो भी परिस्थिति आएगी, हम उसके प्रति अनुकूलित होने का प्रयास करें। हम कीवी हैं, हम एक जगह पर ज़्यादा समय तक नहीं ठहरते। हम हमेशा कोशिश करते हैं कि वर्तमान में जिया जाए और इस पर मुझे गर्व है। हम पिच को नहीं बदल सकते। जो होगा, सो होगा। लेकिन मुझे यक़ीन है कि हम एक योजना बनाएंगे, 20 विकेट लेने का तरीका ढूंढेंगे और उम्मीद है कि कुछ रन भी बनाएंगे।”
मिचेल स्पिन को काफ़ी अच्छा खेलते हैं। वह स्पिन के ख़िलाफ़ कदमों का प्रयोग करते हैं। स्वीप और रिवर्स स्वीप भी लगाते हैं। हालांकि पिछले कुछ समय से वे अपने फ़ॉर्म की तलाश में हैं। घरेलू मैदान पर श्रीलंका के ख़िलाफ़ शतक लगाने के बाद से उन्होंने नौ पारियों में 27.06 की औसत से 406 रन बनाए हैं। यह उनके टेस्ट औसत (46.08) से काफ़ी कम है। हालांकि मिचेल को इन आंकड़ों में ज़्यादा दिलचस्पी नहीं है।
मिचेल ने इस संदर्भ में कहा, “इस खेल की यही प्रकृति है। कभी-कभी ऐसा समय आता है, जब आप काफ़ी रन बनाते हैं। वहीं एक ऐसा समय भी आता है, जब आपको अच्छी शुरुआत तो मिलती है लेकिन आप उस शुरुआत को बड़ा बनाने में सफल नहीं हो पाते हैं। न्यूज़ीलैंड के लिए खेलना, मेरे लिए सबसे पसंदीदा चीज़ों में से एक है। टेस्ट क्रिकेट में अगर आप दबाव की एक बड़ी झोली अपनी पीठ में लेकर चलते हैं, तो आपके लिए चीज़ें मुश्किल होती चली जाएंगी। अगर मैं लगातार अपने खेल पर काम करता रहूं तो बाक़ी की चीज़ें ख़ुद ब ख़ुद ठीक होती जाएंगी।”
केन विलियमसन दूसरे टेस्ट में भी चोट के कारण उपलब्ध नहीं हैं। उनकी जगह पर फिर से विल यंग को ही टीम में शामिल किया जा सकता है। उन्होंने पहले टेस्ट की चौथी पारी में मुश्किल समय में रचिन रवींद्र के साथ 75 रनों की मैच जिताऊ साझेदारी की थी। इसके अलावा उस टेस्ट में विलियम ओरूर्के ने भी कमाल की गेंदबाज़ी करते हुए, सात विकेट झटके थे। मिचेल ने इन खिलाड़ियों की काफ़ी तारीफ़ की है।
मिचेल ने कहा, “भले ही यंग और रचिन ने ज़्यादा क्रिकेट नहीं खेला है। लेकिन वे हमारी टीम के साथ काफ़ी समय से हैं। उन्होंने यह देखा है कि हमारी टीम में कैसा माहौल है और ब्लैक कैप्स के रूप में हम किस तरह खेलना चाहते हैं। और वे अपनी भूमिकाओं में काफ़ी सहजता से फ़िट भी हो गए हैं।
“विल और ओरूर्के एक युवा प्रतिभा हैं। वह मेरी घरेलू टीम से हैं, तो मुझे नेट्स में कई बार उनका सामना करना पड़ा है और यह कहीं से भी आसान नहीं होता। मुझे यक़ीन है कि वह भविष्य में न्यूज़ीलैंड के लिए अच्छा प्रदर्शन करेंगे।”
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