जसवां-परागपुर विधायक बिक्रम ठाकुर ने आज आरोप लगाया कि ऊना में 32 मेगावाट पेखुबेला सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना में गंभीर अनियमितताएं हुई हैं। उन्होंने परियोजना की स्थापना और एचपीपीसीएल के मुख्य अभियंता विमल नेगी की मौत की सीबीआई जांच की मांग की।
बिक्रम ठाकुर ने यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि विमल नेगी की मौत की जांच सीबीआई को सौंपने में राज्य सरकार की अनिच्छा तथा मामले में दर्ज एफआईआर में नामजद अधिकारियों को बचाने के प्रयास सरकार की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राजनेताओं, नौकरशाहों और ठेकेदारों का एक मजबूत गठजोड़ है, जो जलविद्युत परियोजनाओं की स्थापना में वित्तीय लाभ के लिए अनियमितताएं करने में हाथ मिला रहे हैं। उन्होंने कहा, “यह केवल हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) की परियोजनाएं ही नहीं हैं, बल्कि कई अन्य बिजली परियोजनाएं हैं जहां अनियमितताओं और काम पूरा होने में देरी के आरोप लगाए गए हैं।”
बिक्रम ने पूछा कि विमल नेगी की मौत के मामले में दर्ज एफआईआर में दो आईएएस अधिकारियों के नाम क्यों नहीं लिखे गए और केवल उनके पदों का उल्लेख किया गया। उन्होंने दावा किया, “अगर सरकार ने एचपीपीसीएल द्वारा जलविद्युत परियोजनाओं की स्थापना में कथित अनियमितताओं के बारे में पिछले साल मेरे द्वारा उठाए गए मुद्दों पर ध्यान दिया होता, तो विमल नेगी जीवित होते।”
उन्होंने कहा कि सरकार बिजली परियोजनाओं की स्थापना में लगे आरोपों को सिर्फ़ यह कहकर खारिज नहीं कर सकती कि भाजपा इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है। उन्होंने सवाल किया कि हर तरफ से मांग के बावजूद सरकार सीबीआई को जांच सौंपने में क्यों हिचकिचा रही है।
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