कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने बुधवार को जाति जनगणना कराए जाने के केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में पूछा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओबीसी के बारे में सच्चाई बताने से क्यों डर रहे हैं?
मणिकम टैगोर ने कहा कि मोदी सरकार ने एक बार फिर जाति जनगणना में देरी की है। अब इसे 2027 तक टाल दिया गया है! ओबीसी भारत का एक बड़ा हिस्सा हैं, फिर भी हमारे पास उनकी आबादी या जरूरतों के बारे में वास्तविक डेटा नहीं है। देरी क्यों?
उन्होंने कहा कि भाजपा ओबीसी वोट चाहती है। लेकिन, ओबीसी को उनके अधिकार देने से इनकार करती है। जाति जनगणना के बिना, कोई निष्पक्ष नीतियां नहीं हो सकतीं, कोई आरक्षण संशोधन नहीं हो सकता और कोई लक्षित कल्याण नहीं हो सकता। पीएम मोदी सच्चाई से डरते हैं – क्योंकि इससे यथास्थिति को खतरा है। इसलिए वह देरी कर रहे हैं।
उन्होंने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की तारीफ करते हुए कहा कि वह एकमात्र राष्ट्रीय नेता हैं जो जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं और ओबीसी अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं। उनका संदेश स्पष्ट है: “जितनी आबादी, उतना हक!” – जनसंख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व।
मणिकम टैगोर ने कहा कि यह प्रशासन नहीं है – यह दमन है। जाति जनगणना न्याय, सम्मान और समान अवसर के बारे में है। इसमें देरी करना भारत के ओबीसी के साथ विश्वासघात है।
बता दें कि देश में जाति जनगणना कब होगी इसका खुलासा हो चुका है। यह जनगणना दो फेज में कराई जाएगी। पहला चरण 1 अक्टूबर 2026 से शुरू होगा। दूसरे चरण की शुरुआत 1 मार्च 2027 से होगी। पहले फेज में जाति जनगणना चार राज्यों में कराई जाएगी। इनमें पहाड़ी क्षेत्र उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और जम्मू-कश्मीर शामिल हैं। देश में पिछली बार जनगणना साल 2011 में हुई थी। इसके बाद 2021 में जनगणना होनी थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे टाल दिया गया और उसके बाद यह लगातार टलती रही।
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