पंजाब की सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा पंजाब को नदी जल के उसके उचित हिस्से से वंचित करने के प्रयास की कड़ी निंदा करते हुए इसे लोकतंत्र और संघवाद का सीधा अपमान बताया है।
डॉ. कौर ने इस बात पर जोर दिया कि जल पंजाब की जीवनरेखा है तथा राज्य के किसान और मजदूर कृषि और अपनी आजीविका के लिए पूरी तरह जल पर निर्भर हैं।
अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर बोलते हुए डॉ. कौर ने पंजाब के पानी को अन्य राज्यों को देने के केंद्र के कदम की आलोचना की तथा इसे पंजाब के लोगों के साथ सरासर विश्वासघात और विश्वासघात बताया।
डॉ. कौर ने कहा, “यह पहली बार नहीं है जब पंजाब के साथ इस तरह का अन्याय हुआ है। मोदी सरकार ने लगातार पंजाब विरोधी रुख अपनाया है और हमारे लोगों की जायज मांगों और भावनाओं की अनदेखी की है।”
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि कृषि प्रधान राज्य होने के नाते पंजाब अपने पानी की एक बूँद भी खोने का जोखिम नहीं उठा सकता। उन्होंने कहा, “पंजाब के किसान और मज़दूर हमेशा अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाते रहे हैं और वे इस तरह के शोषण को कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
डॉ. कौर ने आगे कहा कि यह फैसला सिर्फ पंजाब पर हमला नहीं है, बल्कि पूरे देश के किसानों और मजदूरों पर हमला है। उन्होंने कहा, “हम केंद्र सरकार की इस विश्वासघाती नीति का पुरजोर विरोध करेंगे। पंजाब के पानी और अधिकारों के लिए लड़ाई हर मंच पर जारी रहेगी।”