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मोदी सरकार के ‘श्वेत पत्र’ में यूपीए के 15 घोटालों का जिक्र, टू-जी से लेकर हाउसिंग सोसायटी में गड़बड़ियों का दिया ब्योरा

Modi government's 'white paper' mentions 15 scams of UPA, gives details of irregularities in 2G to housing societies

नई दिल्ली, 9 फरवरी। केंद्र की मोदी सरकार ने गुरुवार को पिछली (यूपीए) सरकार के कुप्रबंधन को लेकर श्वेत पत्र संसद की पटल पर रख दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने श्वेत पत्र सदन में पेश किया। इसके साथ ही श्वेत पत्र में सरकार के 10 सालों के कामकाज का ब्योरा भी दिया गया है।

इस पत्र में यूपीए सरकार के 10 साल के कार्यकाल में हुए 15 बड़े घोटालों का जिक्र किया गया है, जिसमें कोयला ब्लॉक आवंटन, राष्ट्रमंडल खेल, टू-जी टेलीकॉम, आईएनएक्स मीडिया घोटाला, एयरसेल-मैक्सिस घोटाला, एंट्रिक्स-देवास डील शामिल हैं।

इसके अलावा मोदी सरकार के श्वेत पत्र में जमीन के बदले नौकरी का जिक्र कर आरजेडी प्रमुख लालू यादव पर प्रहार किया गया है। लालू यादव पर रेल मंत्री रहते हुए जमीन के बदले नौकरी देने के आरोप लगे हैं, जिसको लेकर लालू एंड फैमिली के खिलाफ अभी भी जांच चल रही है।

वहीं, शारदा घोटाले को लेकर टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन घोटाला में हुए करोड़ों के हेरफेर को लेकर फारूक अब्दुल्ला को भी निशाने पर लिया गया है। केंद्र सरकार ने पिछली यूपीए सरकार में एम्ब्रेयर डील, साल 2009 में भारतीय वायुसेना के 75 पिलाटस बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट की खरीद को लेकर हुए भ्रष्टाचार का भी उल्लेख किया है।

मुंबई के आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाला और अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला का जिक्र किया गया है। इन दोनों घोटालों को लेकर देशभर में खूब बवाल भी मचा था।

यूपीए सरकार में हुए अगस्ता वेस्टलैंड केस को लेकर संसद में खूब बवाल मचा था। मोदी सरकार ने अपने श्वेत पत्र में यूपीए सरकार पर रक्षा क्षेत्र को कमजोर करने के बारे में भी बताया है।

बता दें कि मोदी सरकार के श्वेत पत्र से पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ब्लैक पेपर जारी किया था, जिसमें उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि 10 साल के कार्यकाल में कितने लोगों को नौकरी मिली। इसके अलावा मनरेगा फंड जारी करने में राज्यों के साथ भेदभाव करने का आरोप भी लगाया था।

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