जिला स्वास्थ्य विभाग ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए लोगों से कहा है कि वे धूप में निकलने से बचें और जितना हो सके घर के अंदर रहें, क्योंकि लू की स्थिति में लोगों को गंभीर से मध्यम स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। सिविल सर्जन डॉ. संगीता जैन ने कहा कि इन दिनों मौसम आमतौर पर बहुत गर्म रहता है, इसलिए लोगों को लू से खुद को बचाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लू का असर बुजुर्गों और बच्चों पर ज्यादा पड़ सकता है, इसलिए गर्मी से बचने के उपाय करने की जरूरत है।
डॉ. जैन और जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ. अनामिका सोनी ने बताया कि गर्मी से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले लोगों में गर्भवती महिलाएं, नवजात, मजदूर, किसान या खुले में काम करने वाले लोग, बेघर, सड़क किनारे या फुटपाथ पर रहने वाले लोग, कठोर जलवायु वाले लोग, मानसिक या शारीरिक बीमारी से पीड़ित लोग विशेष रूप से हृदय रोग या उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोग, मोटापे से पीड़ित लोग शामिल हैं। ऐसे लोगों को डिहाइड्रेशन हो सकता है, जो हीटस्ट्रोक का कारण बन सकता है। उन्होंने बताया कि गर्मी के कारण तापमान बढ़ता है, जिससे शरीर में डिहाइड्रेशन हो सकता है, व्यक्ति को चक्कर आ सकता है और वह बेहोश हो सकता है। भीषण गर्मी के कारण चक्कर आना, सिरदर्द और उल्टी, लाल, गर्म और शुष्क त्वचा, पुरानी बीमारियां, मांसपेशियों में कमजोरी आदि कुछ बीमारियां हो सकती हैं।
क्या करें
अपने घर को ठंडा रखें। दिन के समय खिड़कियाँ और दरवाज़े बंद रखें। खूब सारा पानी, लस्सी, नींबू पानी और दूसरे तरल पदार्थ पिएँ। हर आधे घंटे में पानी पिएँ। बाहर जाते समय पानी साथ रखें। शरीर को ठंडा रखें। हल्के रंग के कपड़े पहनें। बाहर जाते समय चश्मा पहनें और सिर को ढक कर रखें। अगर बाहर हैं, तो बैठने के लिए ठंडी जगह ढूँढ़ें, जैसे कि पेड़ या कोई दूसरी छाया। मौसमी फल खाएँ। नंगे पैर बाहर न जाएँ।
क्या न करें
भीषण गर्मी के दौरान बाहर जाने से बचें। बच्चों या जानवरों को पार्क की गई गाड़ी में न छोड़ें। तेज धूप में बाहर न निकलें। शराब, चाय और कॉफी से बचें। जितना हो सके, ज़ोरदार शारीरिक गतिविधि से बचें। सबसे ज़्यादा गर्मी के समय खाना पकाने से बचें। रसोई क्षेत्र को हवादार रखें।