गाजीपुर, 1 जुलाई । आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सोमवार को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर पहुंचे। गाजीपुर के धामुपुर गांव में उन्होंने डॉ रामचंद्रन श्रीनिवासन द्वारा लिखी गई “मेरे पापा परमवीर” पुस्तक का विमोचन किया। यह पुस्तक परमवीर चक्र विजेता शहीद अब्दुल हमीद पर आधारित है।
पुस्तक का विमोचन करने के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत ने जानवर और इंसान में फर्क पर बात करते हुए कहा कि जानवर अपने लिए जीता है, लेकिन इंसान दूसरे के लिए जीता है। इसी तरह अब्दुल हमीद देश के लिए जिये और देश के लिए रण में शहीद हो गए।
उन्होंने कहा कि हाथी अगर साइकिल चलाने लगे तो वह विकास नहीं है। लेकिन, हां अगर हाथी सूंड से अपने बच्चे की रक्षा करता है तो ये विकास है। बलिदान की भावना ही मनुष्य को अमर शहीद बनाती है।
परमवीर चक्र विजेता शहीद अब्दुल हमीद भारतीय सेना में तैनात थे। 1965 में हुए भारत-पाक युद्ध के दौरान 10 सितंबर को वह खेमकरन सेक्टर के अग्रिम मोर्चे पर तैनात थे। ड्यूटी के दौरान आरसी गन से पाकिस्तानी सेना के कई पैटर्न टैंकों को ध्वस्त कर शौर्य और पराक्रम का परिचय देते हुए वो शहीद हो गए। शहादत के बाद मरणोपरांत उन्हें परमवीर चक्र से नवाजा गया था।
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