देवी अहिल्या बाई की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में खरगोन के महेश्वर में शुक्रवार को मध्यप्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक होगी। बैठक में मध्यप्रदेश सरकार की ओर से शराबबंदी पर बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को नरसिंहपुर जिले में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदेश के 17 धार्मिक नगरों में शराबबंदी का ऐलान किया था। इस घोषणा के बाद यह पूरी संभावना है कि कैबिनेट बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। शराबबंदी के फैसले से न केवल धार्मिक नगरी क्षेत्रों में सुधार की उम्मीद की जा रही है, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी यह एक सकारात्मक बदलाव साबित हो सकता है।
सूत्रों के मुताबिक, शराब पर प्रतिबंध उज्जैन, ओरछा, सलकनपुर, चित्रकूट, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मैहर, अमरकंटक और मंदसौर के पशुपतिनाथ मंदिर क्षेत्र में लागू किया जा सकता है।
उज्जैन और ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थल हैं, वहीं मैहर एक शक्तिपीठ है। ओरछा में राजा राम मंदिर है, जहां भगवान राम की पूजा राजा के रूप में की जाती है। महेश्वर देश के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है और अमरकंटक वह जगह है जहां नर्मदा नदी का उद्गम होता है।
आज की कैबिनेट बैठक में मोहन यादव सरकार नई आबकारी नीति पर भी मुहर लगाएगी। इस नीति पर कई दौर की चर्चा के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शराबबंदी का फैसला किया है। इस बैठक में 17 धार्मिक शहरों में शराबबंदी से होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई पर चर्चा के बाद मंजूरी दी जाएगी। इसके अलावा शराब की दुकानों की नीलामी से जुड़ी नई शर्तों पर भी चर्चा की जाएगी।
देवी अहिल्याबाई का जीवन भारतीय इतिहास में एक प्रेरणा की तरह है, ऐसे में उनकी 300वीं जयंती के मौके पर उनके कार्यों और उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए सरकार विभिन्न योजनाओं का ऐलान कर सकती है।
महेश्वर में आज होने वाली कैबिनेट बैठक ऐतिहासिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह 22 साल बाद हो रही है। इससे पहले 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती के कार्यकाल में महेश्वर में कैबिनेट बैठक आयोजित हुई थी। अब 22 साल बाद मोहन यादव सरकार द्वारा महेश्वर में यह बैठक आयोजित की गई है।
Leave feedback about this