चंडीगढ़, 23 जुलाई हरियाणा भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बडोली ने पार्टी प्रमुख का पदभार संभालने के बाद पहली बार आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और चुनावी राज्य हरियाणा में संगठन तथा विधानसभा चुनाव से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की।
बडोली ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से राजनीतिक और संगठनात्मक मामलों पर चर्चा की। बडोली ने द ट्रिब्यून से कहा, “विधानसभा चुनावों के दौरान मैंने संगठनात्मक मामलों के अलावा चुनाव संबंधी मुद्दों पर भी प्रधानमंत्री से मार्गदर्शन लिया।”
प्रधानमंत्री और बदोली के बीच करीब 30 मिनट तक चली यह मुलाकात इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पार्टी चाहती है कि मोदी विधानसभा चुनाव के लिए अपना चुनाव अभियान शुरू करें। दरअसल, बदोली ने आज मोदी को इस बात के संकेत दिए हैं, हालांकि राज्य पार्टी इकाई द्वारा दौरे की विभिन्न रूपरेखा तय करने के बाद उन्हें औपचारिक निमंत्रण भेजा जाएगा।
हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन के साथ, जिसमें पार्टी 2019 के लोकसभा चुनावों की तुलना में 10 में से केवल 5 सीटें ही बरकरार रख पाई, पार्टी को लगता है कि प्रधानमंत्री द्वारा अभियान की शुरुआत करने से उसे विपक्षी दलों, विशेषकर कांग्रेस के मुकाबले बढ़त मिलेगी।
भाजपा के सामने तीव्र सत्ता विरोधी लहर को देखते हुए पार्टी चाहती है कि मोदी उसके चुनाव अभियान की शुरुआत करें, क्योंकि वह राज्य में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है।
2014 और 2019 के विधानसभा चुनावों के दौरान मोदी ने पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत की थी, जिससे जाहिर तौर पर भाजपा को फ़ायदा हुआ। भाजपा राज्य चुनावों में “मोदी फ़ैक्टर” पर निर्भर करती है क्योंकि प्रधानमंत्री का अपने लोगों के साथ ‘जुड़ाव’ जगज़ाहिर है, इस तथ्य को देखते हुए कि मोदी ने 1990 के दशक में कई वर्षों तक हरियाणा प्रभारी के रूप में काम किया था।
इस बीच हरियाणा के लोकसभा और राज्यसभा सांसदों ने भी पीएम मोदी से मुलाकात की। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और राव इंद्रजीत सिंह समेत सांसदों ने विधानसभा चुनाव से पहले जमीनी राजनीतिक हालात पर मोदी से चर्चा की।
भाजपा क्यों चाहती है कि मोदी प्रचार अभियान की शुरुआत करें? विधानसभा चुनावों में सत्ता विरोधी लहर को मात देने के लिए। भगवा पार्टी के लिए “मोदी फैक्टर” वोट खींचने का एक बड़ा ज़रिया है 2014 और 2019 में मोदी द्वारा शुरू किए गए भाजपा अभियान से पार्टी को भरपूर लाभ मिला था भाजपा राज्य के लोगों के साथ प्रधानमंत्री के ‘जुड़े’ का फायदा उठाना चाहती है, क्योंकि मोदी 1990 के दशक में हरियाणा के प्रभारी के तौर पर काम कर चुके हैं।
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