January 22, 2025
National

बिहार में मोहन प्रकाश की राह आसान नहीं, कई चुनौतियों से करना होगा सामना

Mohan Prakash’s path in Bihar is not easy, he will have to face many challenges.

पटना, 25 दिसंबर । कांग्रेस आलाकमान ने भक्त चरण दास को हटाकर बिहार प्रभारी का दायित्व मोहन प्रकाश के हाथ में सौंपी है। प्रकाश के लिए बिहार की राह आसान नहीं है। माना जा रहा है कि उन्हें बिहार में संगठन से लेकर चुनाव जिताऊ पारी खेलनी होगी, बल्कि गठबंधन में मजबूत हिस्सेदारी को लेकर न केवल रक्षात्मक बल्कि आक्रामक पारी भी दिखानी होगी।

वैसे, बिहार में कांग्रेस लगातार अपनी खोई जमीन की तलाश में जुटने का दावा करती है, लेकिन हकीकत है कि अखिलेश सिंह के प्रदेश का नेतृत्व संभाले एक साल से अधिक का समय गुजर गया, लेकिन अब तक प्रदेश कमेटी तक नहीं बन सकी।

इससे पूर्व मदन मोहन झा भी गुटबाजी और विरोध के कारण प्रदेश कमेटी का गठन नहीं कर सके थे। ऐसे में मोहन प्रकाश के सामने सबसे बड़ी चुनौती संगठन स्तर पर गुटबाजी को समाप्त कर प्रदेश कमेटी के गठन की होगी। उन्हें इस कमेटी के जरिए न केवल क्षेत्रीय संतुलन को भी साधना होगा बल्कि नए और पुराने चेहरे को सामंजस्य बैठा कर कमेटी को निर्विवाद साबित करना होगा।

माना जा रहा है कि बिहार में सत्ताधारी गठबंधन में शामिल राजद और जदयू से कांग्रेस के नए प्रभारी को सामंजस्य बनाने में दिक्कत नहीं होगी, लेकिन कांग्रेस को गठबंधन में वाजिब हक मिले, यह चुनौती प्रकाश के सामने अवश्य होगी। पिछले कई महीने से कांग्रेस मंत्रिमंडल विस्तार कर अपने कोटे के दो और मंत्री बनाने की मांग करती रही है, लेकिन अब तक इस मांग की पूर्ति नहीं की जा सकी है।

मोहन प्रकाश के सामने कांग्रेस की खोई जमीन को फिर से वापस पाना भी बड़ी जिम्मेदारी है। बिहार की पुरानी जमीन सवर्ण, दलित और मुसलमान रहे हैं, लेकिन फिलहाल कांग्रेस का यह पुराना वोटबैंक छिटक चुका है। ऐसे में कांग्रेस प्रभारी के लिए उस वोट बैंक को फिर से कांग्रेस की ओर लाना बड़ी जिम्मेदारी है।

Leave feedback about this

  • Service