हरियाणा के पूर्व मंत्री संदीप सिंह ने एक जूनियर महिला कोच द्वारा स्थानीय अदालत में दायर आवेदन का विरोध किया है, जिसमें राज्य के डीजीपी को उसकी शिकायत पर हरियाणा पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की गई जांच से संबंधित दस्तावेज और अंतिम रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देने की मांग की गई है।
संदीप सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाले कोच ने बीएनएसएस की धारा 94 के तहत आवेदन दायर किया है।
सिंह ने अपने जवाब में कहा कि यह आवेदन कानून का सरासर दुरुपयोग है और शिकायतकर्ता ने मौजूदा मामले में देरी करने के लिए इसे पेश किया है। उन्होंने तर्क दिया कि एक तरफ तो शिकायतकर्ता ने रोजाना आधार पर सुनवाई करने के लिए आवेदन किया था, वहीं दूसरी तरफ वह एक तुच्छ आवेदन पेश करके सुनवाई में देरी कर रही है और गवाही देने के लिए आगे नहीं आ रही है।
उन्होंने कहा कि जब शिकायतकर्ता ने इनेलो कार्यालय से मीडिया में उनके खिलाफ आरोप लगाए थे, तो उन्होंने डीजीपी को निष्पक्ष जांच के लिए ज्ञापन दिया था, क्योंकि शिकायतकर्ता उनकी छवि खराब कर रहा है।
उन्होंने कहा कि चूंकि वह जांच में शामिल होने या अन्यथा डीजीपी द्वारा गठित एसआईटी के समक्ष कभी पेश नहीं हुईं, इसलिए उनके पास एसआईटी द्वारा तैयार अंतिम रिपोर्ट मांगने का कोई अधिकार नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि आवेदन सहायक सरकारी अभियोजक द्वारा अग्रेषित नहीं किया गया था। उन्होंने अदालत से उनकी अर्जी खारिज करने की प्रार्थना की।
अपने आवेदन में कोच ने कहा कि सरकार ने 29 दिसंबर, 2022 के आदेश के तहत रोहतक रेंज की अतिरिक्त डीजीपी ममता सिंह की अध्यक्षता में एक एसआईटी गठित की थी और समिति की रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है।
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