January 21, 2025
National

कहीं से भी बैठकर हो सकेगी उत्तर प्रदेश के गांवों में जलापूर्ति की निगरानी

Monitoring of water supply in villages of Uttar Pradesh will be possible from anywhere.

लखनऊ, 9 नवंबर । यूपी के किस गांव में कितना पानी सप्लाई हुआ, क्लोरीनेशन की स्थिति क्या है, पम्प हाउस कितनी देर चल रहे हैं, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन की स्थिति क्या है, इसके साथ और भी जलापूर्ति से संबंधित सूचनाओं की मॉनीटरिंग अब हाईटेक तरीके से प्रदेश के किसी भी गांव में बैठकर की जा सकेगी।

नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति की मॉनीटरिंग का ऐसा ही हाईटेक सिस्टम तैयार करने जा रहा है, जिसका खाका गुरुवार को जल निगम (ग्रामीण) सभागार में प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुई कार्यशाला में खींचा गया।

कार्यशाला में पहुंचे आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञ और देश भर की चार दर्जन बड़ी कम्पनियों के आईटी विशेषज्ञों ने अपने प्रजेंटेशन दिये। प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि जल जीवन मिशन योजना अपने उद्देश्य को पूरा करते हुए प्रत्येक ग्रामीण परिवार तक नल कनेक्शन पहुंचाने के लक्ष्य को तेजी पूरा कर रही है। जहां यूपी में 2019 से पहले मात्र 1.96 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों तक ही नल कनेक्शन थे, वहीं जल जीवन मिशन योजना की घोषणा के बाद आज यूपी में 69 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों तक नल कनेक्शन पहुंच चुके हैं।

उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में हम 80 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों तक नल कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य पूरा करने जा रहे हैं। 2024 तक यूपी के हर घर में नल से जल पहुंच जाएगा। आज जल जीवन मिशन यूपी में 900 मेगावाट बिजली की बचत कर रहा है, जो एक बड़ी उपलब्धि है।

राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के निदेशक प्रदीप सिंह ने कहा हर घर जल सार्टिफाइड के बाद पंप हाउस के संचालन व रखरखाव पर चर्चा होना चाहिए। पंचायत, वॉल पेटिंग, सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी देना चाहिए। योजना का उद्देश्य निर्बाध सप्लाई देने के साथ स्वच्छ और गुणवत्ता युक्त पेयजल प्रदान करना है।

आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर अमित मित्रा ने कहा कि जब जल जीवन मिशन की शुरूआत हुई तो जो आंकड़े थे वो बहुत ही खराब थे। लेकिन आज 69 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों तक नल से जल की सुविधा मिल रही है।

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