मूसलाधार बारिश से उत्पन्न प्राकृतिक आपदाओं के कारण हिमाचल प्रदेश को इस वर्ष मानसून के आगमन से अब तक 1,247.34 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। राज्य भर में भारी वर्षा के कारण तबाही जारी है, जिसके कारण तीन राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 378 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं।
राजस्व विभाग के अनुसार, 20 जून से अब तक लोक निर्माण विभाग को 552.27 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जिसके बाद जल शक्ति विभाग (453.69 करोड़ रुपये) और बिजली विभाग (139.46 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ है।
मंडी जिले में 255 सड़कें, कुल्लू में 78, शिमला में 13, कांगड़ा और सिरमौर में 11-11, ऊना में तीन और चंबा तथा लाहौल-स्पीति में एक-एक सड़क यातायात के लिए बंद है।
मंडी में 201 और कुल्लू में 113 सहित 326 वितरण ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जबकि चंबा में 63 और मंडी जिलों में 62 सहित 314 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं।
पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य भर में छिटपुट जगहों पर भारी बारिश और ज़्यादातर जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश जारी रही। ऊना ज़िले के अंब में 90 मिमी बारिश हुई, जो राज्य में सबसे ज़्यादा है, उसके बाद हमीरपुर के भरारी में 70 मिमी और कसौली में 44 मिमी बारिश हुई। अब तक 135 मौतें
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने बताया है कि इस मानसून में मरने वालों की संख्या बढ़कर 135 हो गई है, जिसमें 76 मौतें सीधे तौर पर वर्षाजनित घटनाओं, जैसे भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने के कारण हुई हैं, तथा 59 मौतें सड़क दुर्घटनाओं के कारण हुई हैं।
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