नई दिल्ली, 2 फरवरी । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े मजदूरों के संगठन भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने अंतरिम बजट का स्वागत करते हुए कहा है कि जॉब सीकर की जगह जॉब प्रोवाइडर पर बजट में ज्यादा बल दिया गया है और इससे आशा एव आंगनवाड़ी बहनों को भी लाभ मिलेगा। हालांकि, बीएमएस ने बजट में मिडिल क्लास को टैक्स में कोई राहत नहीं मिलने पर सवाल भी खड़ा किया है।
भारतीय मजदूर संघ के महामंत्री रविन्द्र हिमते ने अंतरिम बजट पर बयान जारी कर कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने अंतरिम बजट प्रस्तुत किया है। आशा एवं आंगनवाड़ी बहनों के लिए बजट में जो प्रावधान किए गए हैं, उसके साथ-साथ कई महत्वपूर्ण घोषणाओं को लेकर भारतीय मजदूर संघ इसका स्वागत करता है।
उन्होंने कहा, “देश के लॉन्ग टर्म विकास को ध्यान में रखकर बजट की घोषणा हुई है। नई टैक्स गणना प्रणाली में 3 लाख तक कोई टैक्स नहीं लगना था। छूट का यह दायरा 3 लाख से बढ़ाकर 7 लाख कर दिया गया है। यानि 7 लाख तक कोई टैक्स नहीं लगेगा। इस टैक्स स्लैब में आने वाले लोगों को अनुमानित 5 प्रतिशत टैक्स में राहत मिलेगी।
आंगनवाड़ी केन्द्रों का उन्नयन होगा। आशा एवं आंगनवाड़ी बहनें ‘आयुष्मान भारत’ के दायरे में आयेंगी। स्ट्रीट वेन्डर, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, आंगनवाड़ी, आशा, मछुवारों को नौकरी और अन्य लाभ देने एवं उन्हें मजबूत करने की चर्चा हुई है। आधारभूत संरचना में 11 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी का बजट में प्रावधान किया गया है। इस कारण रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। स्टार्टअप हेतु बजट में प्रावधान है।”
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