चंडीगढ़, 10 जुलाई नागरिक उड्डयन मंत्री कमल गुप्ता ने कहा कि एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर (आईएमसी) के विकास के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है। इस क्लस्टर से हिसार में 1,25,000 से अधिक नौकरियां पैदा होने और हजारों करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होने की उम्मीद है। इस परियोजना के लिए कुल 2,988 एकड़ जमीन की पहचान की गई है, जिसकी अनुमानित लागत 4,694.46 करोड़ रुपये है।
आईएमसी के मल्टी-मॉडल बुनियादी ढांचे पर अधिक जानकारी साझा करते हुए, गुप्ता ने कहा कि निकटवर्ती समर्पित किराया कॉरिडोर (डीएफसी) स्टेशनों में अंबाला (208 किमी पूर्व), रेवाड़ी (156 किमी पश्चिम) और लॉजिस्टिक्स हब/ड्राई पोर्ट जैसे आईसीडी कापसहेड़ा (182 किमी), आईएमएलएच नांगल चौधरी (189 किमी) और कांडला समुद्री बंदरगाह (1,055 किमी) शामिल हैं।
प्रस्तावित मास्टर प्लान के बारे में विस्तार से बताते हुए गुप्ता ने कहा कि प्रथम चरण में कुल 1,605 एकड़ में से 980.20 एकड़ (61%) का उपयोग उद्योग और लॉजिस्टिक्स के लिए, 39.02 एकड़ (2%) का उपयोग वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए, 48.60 एकड़ (3%) का उपयोग सार्वजनिक और अर्ध-सार्वजनिक उपयोग के लिए, 34.90 एकड़ (2%) का उपयोग आवासीय उद्देश्यों के लिए, 28.50 एकड़ (2%) का उपयोग सेवाओं के लिए, 242.52 एकड़ (15%) का उपयोग हरित और जल निकायों के लिए और 231.26 एकड़ (15%) का उपयोग सड़कों और उपयोगिताओं के लिए किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आईएमसी के पास मौजूदा उद्योगों में धातु उद्योग, इंजीनियरिंग और फैब्रिकेशन, लॉजिस्टिक्स, कपास और कपड़ा तथा कृषि से संबंधित खाद्य प्रसंस्करण शामिल हैं। प्रस्तावित आईएमसी में एयरोस्पेस और रक्षा के लिए 343.20 एकड़, खाद्य प्रसंस्करण के लिए 172 एकड़, इंजीनियरिंग आदि के लिए 289.80 एकड़ जमीन आवंटित की गई है।