देहरादून, 3 दिसंबर । उत्तराखंड में संचालित नशा मुक्ति केंद्रों ने अब तक ना रजिस्ट्रेशन करवाया है और ना ही मानकों पर खरे उतरे हैं, जिन्हें अब मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के तहत रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है। प्रदेशभर में इस समय 100 से ज्यादा नशा मुक्ति केंद्र चलाए जा रहे हैं।
नशा मुक्ति केंद्रों को लेकर लंबे समय से तमाम शिकायतें सामने आ रही थीं और लगातार भारी अनियमिताएं भी देखने को मिल रही थीं। इसका सबसे बड़ा कारण है कि नशा मुक्ति केंद्र संचालक पहले अपने केंद्र का रजिस्ट्रेशन समाज कल्याण विभाग से करते थे। इसके बाद वह अपने केंद्र में अपनी मनमानी करते थे। लेकिन अब नशा मुक्ति केंद्रों की मॉनिटरिंग स्वास्थ्य विभाग कर रहा है।
नशा मुक्ति केंद्र संचालकों को स्वास्थ्य विभाग में ही अब रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ेगा। वहीं, भारी अनियमितताओं को देखते हुए नशा मुक्ति केंद्रों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के नोडल अधिकारी मयंक बडोला ने कहा कि प्रदेशभर में संचालित हो रहे नशा मुक्ति केंद्रों को 14 दिसंबर तक रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहे नशा मुक्ति केंद्रों पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। देहरादून के नशा मुक्ति केंद्र